वैचारिक लेख

जगदीश बाली स्वत्रंत लेखक अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में आरंभ में समाचार पत्र व रेडियो ने अहम भूमिका निभाई। फिर टीवी ने दस्तक दी। अब आ गया सोशल मीडिया जो सब पर छा गया है। इनमें ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सऐप मुख्य हैं। सोशल मीडिया ने आम लोगों को अपनी बात को अपने अंदाज में कहने

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ  से हैं बरसात और बर्फबारी के सीजन में हर साल प्रदेश की सड़कों को नुकसान पहुंचता है। सरकार अपने स्तर पर सालाना लगभग 500 करोड़ रुपए के बजटीय प्रावधान से इनका रख-रखाव करती है। जबकि केंद्र से राज्य के नेशनल हाई-वे के लिए  मात्र 100 करोड़ रुपए की रकम मिलती

डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री इस समय दुनिया के साथ-साथ देश का भी औद्योगिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। ऐसे बदलते परिदृश्य में औद्योगिक विकास की जरूरतें भी बदल रही हैं। इस समय उद्योग-कारोबार में रोबोट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमता और 3डी प्रिंटिंग सहित नई-नई तकनीकों का उपयोग बढ़ता जा रहा है। ऐसे

नवेंदु उन्मेष स्वतंत्र लेखक 1962 में जब चीन ने भारत पर हमला कर दिया था तब कवि गोपाल सिंह नेपाली ने लिखा था चालीस करोड़ों को हिमालय ने पुकारा, अहिंसा उसे कहते हैं जो हिजड़ों का है नारा। हालांकि आज अहिंसा का नाम जपने वाले हमारे देश के लोग हिजड़े नहीं रह गए हैं। अब

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार मोहन भागवत के द्वारा लिंचिंग शब्द विदेशी मूल का है, जिसका अर्थ भीड़ द्वारा बिना किसी कारण के मारा जाना होता है। रोम साम्राज्य की स्थापना में ईसाई भीड़ द्वारा निरपराधों की हत्या कर दी जाती थी। औरतों को डायन बता कर सैकड़ों की भीड़ द्वारा मार दिए जाने

प्रताप सिंह पटियाल लेखक, बिलासपुर से हैं देश के किसान कर्ज के बोझ तले दबकर गुरबत व मुफलिसी का जीवनयापन कर रहे हों तथा अर्थतंत्र की नुहार बदलने की क्षमता रखने वाला लाखों गोवंश सड़कों की धूल फांक रहा हो तो मुल्क की अर्थव्यवस्था मातम ही मनाएगी… सदियों पहले भारत की अर्थव्यवस्था विश्वभर में शीर्ष

कर्नल मनीष धीमान स्वतंत्र लेखक वायु सेना दिवस आठ अक्तूबर को पेरिस में भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नींबू, मिर्ची का टोटका कर पहला रफाल लड़ाकू विमान ग्रहण किया। ‘रफाल’ एक फ्रांसीसी कंपनी ने बनाया है जिसका अंग्रेजी में मतलब ‘गस्ट आफ  विंड’ तथा हिंदी में ‘हवा का झोंका’ या वायु सा वेग ! मीडियम

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार जैसा कि मैंने अपने शोध और किताब ‘ईस्टर्न एंड क्रास कल्चरल मैनेजमेंट’ में निष्कर्ष निकाला है कि भारत ‘चलता है’ वर्क कल्चर से ग्रस्त है। पुराने दिन अच्छे थे जब समुदाय ने गांव और तालुका काम करने के लिए काम किया था, जब हमने अपने तालाबों और कुंडों की

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक 20 जुलाई, 1945 को हमीरपुर जिला के भरेड़ी डाकघर के खरीयंणी गांव में स्वर्गीय दुर्गा राम शर्मा व सैना देवी शर्मा के घर जन्मे इस हमेशा हंसमुख, जिंदा दिल इनसान व भारत के बेहतरीन वालीबाल प्रशिक्षक विद्यासागर शर्मा की मैट्रिक राजकीय हाई स्कूल भोरंज से हुई। यहीं पर इनके पिता