भूपिंदर सिंह

अच्छी प्रशिक्षण सुविधा के अभाव में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी समय से पहले ही खेल को अलविदा कह जाते हैं और जिनके पास धन व साधन हैं वे अच्छे प्रशिक्षण के लिए हिमाचल प्रदेश से पलायन कर जाते हैं। हिमाचल प्रदेश में बहुत कम प्रशिक्षण केन्द्र हैं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बनने के लिए स्कूल

पिछली बार हुई भर्ती में विभाग ने नियमों को ठेंगा दिखा कर छह सप्ताह में प्रशिक्षण पूरा किए सर्टिफिकेट कोर्स वाले को प्रशिक्षक भर्ती कर दिया है… पिछले दो वर्षों से सुन रहे हैं प्रशिक्षक कैडर के भर्ती व पदोन्नति नियमों में सुधार कर लिया है, मगर अभी तक जूनियर प्रशिक्षक का स्केल और काम

बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेल संपन्न हो चुके हैं। भारत बिना निशानेबाजों के भी सम्मानजनक चौथे स्थान पर है। जीते गए पदकों में हिमाचल के खिलाडिय़ों का भी योगदान है। हिमाचल सरकार को राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं के साथ-साथ अन्य राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के पदक विजेताओं को भी नई खेल नीति के अनुसार घोषित

हिमाचल प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह अपनी नई खेल नीति को कागजों से नीचे धरातल पर उतार कर उस पर अमल भी करना होगा। तभी हम प्रतिभा पलायन को रोक सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के विद्यालयों व महाविद्यालयों में अच्छी खेल सुविधाओं के साथ-साथ ज्ञानवान प्रशिक्षक व पौष्टिक आहार का भी प्रबंध करना पड़ेगा।

राष्ट्रमंडल खेलों में पिछले दो बार के रजत पदक विजेता हमीरपुर के विकास ठाकुर इस तीसरी राष्ट्रमंडल खेलों में अब देश को स्वर्ण पदक जीतने के लिए कृतसंकल्प हैं। राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान पटियाला में राष्ट्रमंडल खेलों के लिए हुए क्वालीफाई ट्रायल में हिमाचल प्रदेश के ओलंपियन आशीष चौधरी ने अपने प्रतिभागियों को एक तरफा पछाड़ते

आप हर विद्यार्थी को फिटनेस के लिए खेल मैदान में ले जाएंगे तो उनमें से जरूर कुछ अच्छे खिलाड़ी भी मिलेंगे। प्रतिभा खोज के बाद पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए अच्छी खेल सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान की तजऱ् पर अपना राज्य क्रीड़ा संस्थान हो, इसके लिए खेल मंत्री

हिमाचल प्रदेश की अधिकांश आबादी गांव में रहती थी। वहां पर सवेरे-शाम वर्षों पहले विद्यार्थी अपने अभिभावकों के साथ कृषि व अन्य घरेलू कार्यों में सहायता करता था। विद्यालय आने-जाने के लिए कई किलोमीटर दिन में पैदल चलता था। इसलिए उस समय के विद्यार्थी को किसी भी प्रकार के फिटनेस कार्यक्रम की कोई जरूरत नहीं

इसलिए देश में निजी खेल अकादमियों का चलन भी बढ़ रहा है। गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी के विश्व स्तर के परिणाम सबके सामने हैं। यह सब लगातार अच्छे प्रशिक्षण कार्यक्रम का ही नतीजा है। इस समय विभिन्न खेलों के लिए देश में निजी स्तर पर कई अकादमियां शुरू हो चुकी हैं। इन खेल अकादमियों को अधिकतर

महाविद्यालय स्तर से ही पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकलते हैं। कालेजों  में खेल प्रशिक्षण जरूरी हो… हिमाचल प्रदेश में सत्तर के दशक में बना हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला अगले कई दशकों तक सभी विधाओं में स्नातक डिग्री से लेकर पीएचडी तक शोध करवाता रहा है। जैसे जैसे शिक्षा में उत्कृष्टता की जरूरत

हर शिक्षा संस्थान को अपना खेल मैदान चाहिए जहां सब विद्यार्थियों की फिटनेस हो सके, मगर शिक्षा संस्थान परिसर में जब मैदान ही नहीं होगा तो फिर पहाड़ की संतान को स्वास्थ्य व खेल क्षेत्र में पिछड़ने का दंश झेलना ही पड़ेगा। इसलिए खेल मैदानों की बरबादी को अभी से रोकना होगा। तभी हम अपनी