प्रताप सिंह पटियाल

अफस्पा रुखसत करने के बजाय आतंक के कारण चार दशकों से अपने ही मुल्क में शरणार्थी बनकर तर्क-ए-वतन का दंश झेल रहे कश्मीर के मूल निवासियों की सुध लेनी चाहिए। कश्मीर में टारगेट कीलिंग का सिलसिला जारी है...

छात्रों को भी अपनी प्रतिभा पर आत्मविश्वास जगाना होगा ताकि ट्यूशन व कोचिंग की जरूरत न पड़े। शिक्षा व्यवस्था का परिदृश्य बदलने वाली ट्यूशन, कोचिंग तथा निजी व विदेशी शैक्षणिक संस्थानों की तरफ छात्रों का बढ़ता क्रेज चिंतनीय है...

अंग्रेजी भाषा की हुकूमत से यदि भारतीय भाषाएं बहरों की अंजुमन में दर्द की गजल पेश करके अपने वजूद पर अश्क बहा रही हैं तो मैकाले का तस्सवुर यही था। अत: अपनी शिक्षा-संस्कृति का वजूद बचाने के लिए भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता अवश्य देनी होगी...

विश्व को ‘तमसो मां ज्योतिगर्मय’ का संदेश देने वाले भारत में शिक्षा के नाम पर प्रतिभाओं का पलायन व विदेशों में हो रही हत्याएं तथा कोचिंग सेंटरों में छात्रों द्वारा आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाएं चिंताजनक हैं। भारतीय आचार्यों की विरासत सहेजनी होगी...

बहरहाल यदि देश की सियासी व्यवस्था गुरबत का दर्द समझने वाले कर्पूरी ठाकुर जैसे महान नेता के सियासी आदर्शों को तसलीम करने का प्रयास करे तो यकीनन देश में आदर्शवादी सियासत की मिसाल कायम हो सकती है। कर्पूरी का सियासी कद ऊंचा रहेगा...

आस्था के धरातल हिमाचल की वादियों में ड्रग्स तस्करों ने पनाह लेकर नशे के अवैध ध्ंाधे को अंजाम देकर पहाड़ की जवानी के खिलाफ खामोश युद्ध का आगाज कर दिया। नशीले पदार्थों की तस्करी में गैर हिमाचली व विदेशी लोगों की गिरफ्तारियां तस्दीक करती हैं कि राज्य में नशा नेटवर्क के ता

चीन की उल्फत में डूब कर भारत के विरोध में उतरे मालदीव के एहसान फरामोश हुक्मरानों को भारतीय सेना के उन शूरवीर पैरा कमांडोज व नौसेना तथा वायुसेना का मरहून-ए-मिन्नत रहना होगा जिन्होंने सन् 1988 में मालदीव में तख्तापलट के मंसूबों को ध्वस्त करके वहां जम्हूरियत को दोबारा कायम कर दिया था

विश्व का सबसे बड़ा खेल आयोजन ओलंपिक इसी वर्ष दस्तक देने वाला है। भारतीय कुश्ती तथा उभरते युवा पहलवानों के बेहतर भविष्य के मद्देनजर भारतीय कुश्ती महासंघ व पहलवानों के बीच चल रहे विवाद का हल निकलना चाहिए। खेल संस्थाएं सियासत के चंगुल से मुक्त होनी चाहिएं...

मैदाने जंग में दुश्मन की बहादुरी का एहतराम करके शत्रु सैनिकों को रणभूमि में खिराज-ए-अकीदत पेश करने वाले जज्बात भारतीय सेना की महानता को जाहिर करते हैं। पाक सेना से भारतीय सरजमीं को मुक्त कराने में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले ‘नग्गी युद्ध’ के शूरवीरों को सेना नमन करती है...

पश्चिमी मोर्चे पर भयंकर जंग में सेना की ‘नौ पंजाब’ बटालियन ने अमृतसर के नजदीक ‘रानियां’ क्षेत्र में पाकिस्तान की 18वीं फ्रंटियर फोर्स व पाक टैंकों के एक बड़े हमले को पांच दिसंबर 1971 के दिन सरहद के उस पार ही ध्वस्त कर दिया था। युद्ध में विशिष्ट वीरता के लिए मेडल दिए गए...