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चौदह दिसंबर 2023 को दुबई में युनाईटेड नेशन फ्रेमवर्क कान्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज के तहत कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज का 28वां सत्र सम्पन्न हुआ, जिसे कॉप-28 के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि कॉप-28 को नतीजों तक पहुंचने में तय सीमा से ज्यादा समय लगा, लेकिन विश्व में इस बाबत खुशी जताई जा रही है कि इस सम्मेलन के बाद दुनिया में मानव जनित ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए बेहतर संभावनाएं होंगी। हालांकि दो सप्ताह तक चलने वाले इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में घोषणाएं की गईं, लेकिन इस सम्मेलन के अंतिम समय में एक ऐसी महत्वपूर्ण घोषणा हुई है, जिससे पूरी दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग और मौसम परिवर्तन से राहत की एक बड़ी उम्मीद जगी है। तेल लॉबी की तीव्र पैरवी के बावजूद, 2050 तक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस के भीतर सीमित करने के लिए सभी देश जीवाश्म

वर्ष 2023 में केंद्र सरकार राजकोषीय घाटे के निर्धारित लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9 फीसदी तक सीमित रखने में सफल रही है। वर्ष 2023 में लगभग प्रतिमाह बाजारों में उपभोक्ता मांग में तेजी और उद्योग-कारोबार में बेहतरी से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन में वृद्धि हुई। वर्षभर में यह 12 प्रतिशत बढ़ा...

अमरीका को ऐसे किसी भी संवैधानिक बदलाव से बचना चाहिए जो शक्तियों के इस सुंदर संतुलन को बदले। अमरीकी सिस्टम की कुछ विशेषताओं पर अकसर ‘अलोकतांत्रिक’ होने के रूप में हमला किया जाता है। जैसे कि इलेक्टोरल कॉलेज, सेनेट का सभी राज्यों को समान वोट और फिलिबस्टर नियम। परंतु उन्हें खत्म करने से सरकार की शक्तियां कुछ ही हाथों में समाहित हो जाएंगी। विश्वास बनाए रखो, अमरीका। आपका लोकतंत्र बिल्कुल सही चल रहा है...

अब भारतीय जनता पार्टी ने राजनीति में एक नई रीत चला दी है। ऐसे-ऐसे लोग राजनीति में आगे आ रहे हैं जिनके बारे में जानने के लिए मीडिया वालों को गांवों में जाकर धक्के खाने पड़ रहे हैं। कौन हैं भजन लाल शर्मा? पिता जी क्या करते हैं? गांव में सडक़ भी है या नहीं? ऐसी कितनी जानकारियां जमा करनी पड़ र

मैदाने जंग में दुश्मन की बहादुरी का एहतराम करके शत्रु सैनिकों को रणभूमि में खिराज-ए-अकीदत पेश करने वाले जज्बात भारतीय सेना की महानता को जाहिर करते हैं। पाक सेना से भारतीय सरजमीं को मुक्त कराने में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले ‘नग्गी युद्ध’ के शूरवीरों को सेना नमन करती है...

इसीलिए कहा गया है कि हमारी असली पूजा तब शुरू होती है जब हम पूजा खत्म करके पूजा-स्थल से बाहर आते हैं और लोगों के साथ व्यवहार में पूजा के उन सूत्रों को व्यावहारिक रूप देते हैं, अमलीजामा पहनाते हैं, वरना पूजा स्थलों में की गई पूजा का कोई अर्थ नहीं है। देखना यह होता है कि हम उन लोगों से कैसा व्यवहार करते हैं जिनसे हमें कोई काम न हो। हम उन लोगों से कैसा व्यवहार करते हैं जिनका सामाजिक-आर्थिक स्त

आत्मविश्वास की कमी और असुरक्षा की भावना भी ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर की बड़ी वजहें हैं। ऐसा भी देखने में आया है कि जिन लोगों को बचपन और किशोरावस्था में परिवार या करीबियों का प्यार नहीं मिलता, बाद में वो कभी न कभी ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर से गुजरते हैं। हमारा सामाजिक ढांचा ऐसा है कि यहां पुरुष अपनी भावनाएं ज्यादा आसानी से जाहिर कर लेते हैं, जबकि महिलाओं के लिए ये आसान नहीं होता। शायद यही वजह है कि पुरुषों का ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर अक्सर गंभीर स्तर पर पहुंच जाता है। वो लड़कियों का पीछा करने, उन्हें नुकसान पहुंचाने

2012 में, तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने केंद्रीय मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि सांसदों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत नई इमारत का निर्माण किया जाए...

विकसित देश बनने के लिए 2047 तक लगातार करीब 7 से 8 फीसदी की दर से बढऩा होगा। हम उम्मीद करें कि जिस तरह 11 और 12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अमृतकाल में नई पीढ़ी को विकास के लिए लंबी छलांग लगाने के जो मंत्र सौंपे हैं, उनके मद्देनजर देश के युवा और शासन-प्रशासन समन्वित रूप से दुनिया में सामथ्र्यवान भारत की तस्वीर बनाते हुए आगे बढेंग़े और वर्ष 2047 तक देश विकसित देश के रूप में रेखांकित होता हुआ दिखाई देगा...