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इस प्रकार देखें तो वैश्विक सुरक्षा-नई विश्व व्यवस्था की कुंजी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हाथ में ही है। मोदी के दौरे से भारत-जापान संबंध मजबूत होंगे… भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के महत्त्वपूर्ण दौरे पर हैं। इस दौरे ने भारतवासियों को ‘लव इन टोक्यो’ की याद करा दी है। दोनों देशों के बीच बरसों से

सीएमआईई की प्रेस विज्ञप्ति में 2014 के आंकड़ों के आधार पर आकलित रोजगार की लोच को आधार बनाकर 2022 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार के आंकड़ों की कल्पना की जा रही है जो वास्तव में हास्यास्पद है। भारत सरकार को जल्द रोजगार के आंकड़ों का सही चित्र प्रस्तुत करना चाहिए… सीएमआईई नामक संस्था ने

यह बात भी सही है कि सेवा में रहते हुए हर व्यक्ति अपनी आंखों पर अहंकार व अहम की पट्टी इस तरह से बांध लेता है कि उसे अपने स्वार्थ के अलावा और कुछ नहीं दिखाई देता। इनसानियत की सभी हदें लांघ कर वह हैवानियत पर उतारू हो जाता है तथा मानवीय मूल्यों का तिरस्कार

चूंकि खाद्य तेल भी देश के आयात बिल की प्रमुख मद है, अतएव केंद्र सरकार के द्वारा खाद्य तेलों के उत्पादन के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ना होगा। हम उम्मीद करें कि इस समय जब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया में वैश्विक मंदी का परिदृश्य उभर रहा है, तब भारत आयात-निर्यात से संबंधित गुणवत्तापूर्ण

यदि सरकार भारत की प्राचीन खेल विरासत कुश्ती को राष्ट्रीय खेल घोषित करे तो वैश्विक स्तर पर भारतीय कुश्ती की लोकप्रियता व सम्मान यकीनन बढे़गा। युवा पहलवानों का कुश्ती के प्रति उत्साह बढ़ने से कुश्ती की पदक तालिका में भी इजाफा होगा… पारंपरिक कुश्ती लड़ने वाले पहलवानों व कुश्ती के शौकीन लाखों दर्शकों के लिए

कई दफा लोग साक्षर होने के दावा करते हैं, मगर बात करने के ढंग से वे अक्सर अपना वास्तविक परिचय दे दिया करते हैं, जिससे ऐसी शिक्षा का औचित्य नहीं है… मैं एक कॉलेज में बैठा चाय पी रहा था। तभी कुछ युवा फटे कपड़े पहनकर आए। मैंने सोचा कुछ पैसे देकर सहायता करता हू,

पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो घटनाएं हो रही हैं उनमें मुख्यत: श्रीलंका की आर्थिक व्यवस्था के डावांडोल होने पर राजनीतिक उथल-पुथल में राष्ट्रपति द्वारा सभी दलों के नेताओं को कैबिनेट में शामिल करके प्रधानमंत्री बदलने का निर्णय भी राजनीतिक तथा आर्थिक अस्थिरता पर लगाम नहीं लगा पाया है। हमारे दूसरे

कोई पूछ सकता है कि आज तो मीडिया मिशन न रह कर व्यवसाय बन गया है, इसलिए क्या नारद इसमें अप्रासंगिक नहीं हो गए? शायद नहीं, क्योंकि यदि मीडिया व्यवसाय भी है तब उसके भी तो कुछ मानक व आदर्श होने ही चाहिए। नारद से उस स्थिति और दशा में भी प्रेरणा ली जा सकती

प्रतिभा खोज के बाद पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए अच्छी खेल सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान की तर्ज़ पर अपना राज्य क्रीड़ा संस्थान हो। वहां पर हिमाचल प्रदेश के खिलाडि़यों को वैज्ञानिक आधार पर लंबी अवधि के प्रशिक्षण शिविर लगें तथा प्रदेश के शारीरिक शिक्षकों तथा पूर्व राष्ट्रीय व