पीके खुराना

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं सरकारी नौकरियां बेरोजगारी दूर करने का सबसे घटिया साधन है। यदि आवश्यकता न होने पर भी सरकारी पदों की संख्या बढ़ा दी जाए और नए लोग भर्ती कर लिए जाएं, तो नए लोगों का वेतन, भत्ता और अन्य सुविधाएं अंततः जनता की जेब का बोझ ही

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं नोटबंदी का फैसला हो, जीएसटी लागू करने की बात हो या फिर तीन तलाक का मामला, सब जगह संसद की अवहेलना की गई। कानून बनाने में विपक्ष की भूमिका सिर्फ आलोचना करने तक सीमित है। वह न कोई कानून बनवा सकता है और न रुकवा सकता

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं यदि हमने भ्रष्टाचार नियंत्रित करने की मंशा से न्यायपालिका को मनमानी करते रहने की छूट दे दी, तो कभी ऐसा हो सकता है कि न्यायपालिका सर्वशक्तिमान बन जाए और ऐसे में न्यायपालिका भी वह सब कुछ कर सकती है जो हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में वहां

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं गुजरात में भाजपा की जीत में उसकी हार छिपी है और कांग्रेस की हार में उसकी जीत छिपी है, लेकिन हिमाचल प्रदेश का सबक स्पष्ट है कि सत्ता में रहते हुए भी यदि आपने जनता से संपर्क नहीं रखा तो जनता आपको सिंहासन से उतार देगी।

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं यह अत्यंत खेद की बात है कि प्रधानमंत्री के विरोध को देशद्रोह का दर्जा दिया जाने लगा है। सरकार की यह मनमानी इसलिए चल रही है कि देश में प्रभावी विपक्ष नहीं है। सत्ता में भाजपा हो, कांग्रेस हो या कोई अन्य दल हो, मजबूत विपक्ष

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं गुजरात के चुनाव और राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना इतनी बड़ी खबरें हैं कि लगता है देश भर की सारी समस्याएं खत्म हो गई हैं, सारे मुद्दे अप्रासंगिक हो गए हैं। राजनीतिज्ञों को तो जनता को अंट-शंट बातों से मुद्दे भुलाकर फुसलाने की आदत थी

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं दिनेश्वर शर्मा की वापसी के बाद स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया केंद्र सरकार की आशाओं के अनुरूप नहीं थी। वस्तुतः ऐसी कार्रवाइयों से अविश्वास और बढ़ता है, नाउम्मीदी और बढ़ती है। इसके बजाय भाजपा के केंद्रीय नेता कश्मीर जाकर वहां के स्थानीय नेताओं से बातचीत करें और

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं   भाजपा पहली बार केंद्र में अपने दम पर सत्ता में आई है। भाजपा निश्चय ही इसका लाभ उठा कर हर राज्य में अपने काडर को मजबूत करना चाहेगी, ताकि वह लंबे समय तक सत्ता में बनी रह सके। सोशल मीडिया तथा विपक्ष की सारी आलोचनाओं

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं लोकतंत्र की सफलता में शक्तियों के तर्कसंगत बंटवारे का मूल मंत्र भुला देना लोकतंत्र के लिए घातक सिद्ध हो सकता है और आज नहीं तो भविष्य में कोई अन्य नेता तानाशाह बन सकता है। इसी तरह संवैधानिक संस्थाओं, खासकर न्यायपालिका की निष्पक्षता पर भी सवालिया निशान