पीके खुराना

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं एस. राधाकृष्णन, डा. जाकिर हुसैन से लेकर भैरों सिंह शेखावत और वर्तमान उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी तक सभी उपराष्ट्रपतियों की योग्यता और योगदान का लंबा इतिहास रहा है। इनमें से बहुत से महानुभाव बाद में राष्ट्रपति बने, परंतु जहां सब निर्णय राजनीतिक समीकरणों को लेकर होने

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं अब समय आ गया है कि हम राष्ट्रपति प्रणाली अपनाएं, ताकि देश में कुछ विवेक का संचार हो सके। यह एक संयोग ही था कि उसी दिन मैंने भी ‘वह सुबह कभी तो आएगी’ शीर्षक से ट्वीट करके लिखा कि ‘काश हमारे देश में अमरीकी पद्धति

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग क्षेत्र में गोरखालैंड की मांग ने जोर पकड़ लिया है। गोरखा समुदाय उबल रहा है और मरने-मारने पर उतारू है। हमारी सेना में गोरखा बटालियन का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है और गोरखालैंड के समर्थक आंदोलनकारी यह भी कहते हैं कि वे आतंकवादी

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं मोदी समाज में एक ऐसी परंपरा की नींव डाल रहे हैं, जो अपने आप में बहुत खतरनाक है और भविष्य में इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। भीड़ न पुलिस है, न सरकार और न न्यायालय। भीड़ सिर्फ भीड़ है और इसे अनियंत्रित एक्टिविस्ट के

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं देश के नागरिकों को अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए अपनी मर्जी से वोट देने का अधिकार है, लेकिन चुने गए प्रतिनिधियों को संसद अथवा विधानसभा में अपनी मर्जी से वोट देने का अधिकार नहीं है। संसद अथवा विधानसभाओं में किसी भी मुद्दे पर वोटिंग से पहले

पीके खुराना वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं छत्तीसगढ़ में देशबंधु को छोड़कर अन्य अखबारों ने सरकार विरोधी विज्ञापन छापने से मना कर दिया। यानी अब पेड न्यूज वाला वह दौर भी चला गया, जब आप पैसे देकर कुछ भी छपवा सकते थे। आज के नए दौर में सत्ता के बल पर आप मनचाही खबर

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं यह कोई अजूबा नहीं है कि सब्जी मंडी में मूली का भाव एक रुपए किलो हो और मंडी के गेट के बाहर वही मूली दस रुपए किलो के भाव से बिक रही हो। केंद्र सरकार इसे राज्य सरकार का मामला बता कर पल्ला झाड़ लेती है

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं नुकसान सिर्फ तापमान की बढ़ोतरी तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका व्यापक प्रभाव है। हम जैसे- जैसे प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं वैसे-वैसे अस्थाई सुविधा, थोड़े से स्वाद, समय की बचत आदि के नाम पर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। हमारी

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह और प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव की राजनीतिक इच्छाशक्ति तथा केपीएस गिल का दृढ़ निश्चय पंजाब में आतंकवाद के खात्मे का कारण बने। बेअंत सिंह सन् 1992 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने शुरू से ही आतंकवाद को कानून और व्यवस्था की