प्रो. एनके सिंह

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं जिस तरह से भारतीय राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में केजरीवाल अप्रासंगिक होते जा रहे हैं, वहां से केजरीवाल युग का अंत करीब दिखने लगा है। एक के बाद एक हार के लिए उन्होंने ईवीएम को कोसना शुरू कर दिया। इसके लिए उनके संरक्षक रहे अन्ना

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं आज भी हम हर क्षेत्र में कुछेक लोगों को शेष समाज से ज्यादा महत्त्वपूर्ण मानने की परंपरा को ढो रहे हैं। आज सामाजिक और राजनीतिक पदानुक्रम में हर कोई ‘पहले मैं’ की दौड़ में शामिल होने को आतुर दिखता है। लाल बत्ती, ऐंबर

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं विभिन्न राजनीतिक दल अपनी रणनीति की विवेचना करने के बजाय अब तक पूरी तरह से नाकाम रहे महागठबंधन के पीछे आंखें मूंदकर कदमताल करते रहे हैं। मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए संगठित संघर्ष एक आशाहीन तरीका है। इस तरह का

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं कांग्रेस में एक दोष संगठन को गढ़ने में विफलता और वफादार दरबारियों पर बढ़ती निर्भरता को माना जाएगा। संगठन में आंतरिक लोकतंत्र के लिए यहां न तो वास्तविक चुनाव करवाए जाते हैं और न ही तृणमूल स्तर के कार्यकर्ताओं की इस तरह की

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली में पांच खामियां स्पष्ट तौर पर देखी जा सकती हैं और इन्हें बिना वक्त गंवाए दूर करने की महत्ती जरूरत है, लेकिन पार्टी में कोई भी इसको लेकर चिंतित नजर नहीं आता। इस संदर्भ में सबसे पहले तो पार्टी

प्रो. एनके सिंह प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं यदि मोदी साफ-सुथरा प्रशासन लाना चाहते हैं, तो उन्हें कार्यालयों में दिखावे और तड़क-भड़क भरी संस्कृति पर नकेल कसनी होगी। अधिकारियों, विधायकों और सांसदों को अहंकारी दृष्टिकोण के बजाय विनम्रता और सेवाभाव का नजरिया विकसित करने के लिए प्रेरित करना

प्रो. एनके सिंह (लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं) कांग्रेस ने चुनावों को लेकर जो बड़े-बड़े सपने देख रखे थे, पंजाब को छोड़कर वे हर कहीं चूर-चूर हो गए। राहुल गांधी भी कांग्रेस को मिली हार की जिम्मेदारी लेने के लिए आगे नहीं आए और हमेशा की तरह इसका ठीकरा संबंधित राज्यों

प्रो. एनके सिंह (लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं) हाल ही में एक और मुद्दाविहीन खबर मीडिया चैनलों पर पूरी तरह से हावी रही, जिसमें एक लड़की हाथ में तख्ती लहराते हुए एक लड़की बताती है, ‘पाकिस्तान ने मेरे पिताजी को नहीं मारा, बल्कि जंग ने मारा।’ प्रथमदृष्टया इसमें गंभीरता वाली कोई

प्रो. एनके सिंह ( प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं ) आज भी कोई ऐसा दल नजर नहीं आता, जो उदारवादी और साफ-सुथरी व्यवस्था की कामना करने वाले लोगों को आकर्षित करे। ये लोग आज भी एक ऐसे दल की तलाश में हैं, जो घोटालों और भ्रष्टाचार से दूर