मैगजीन

शिमला के चौड़ा मैदान में क्रामिक अनशन पर बैठे बुधवार को विधानसभा का घेराव करेंगे। जेओए आईटी सहित अन्य पोस्ट कोड के अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ सोमवार से भूख हड़ताल शुरू की है, लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी सुध नहीं ले रहा है। अब विभिन्न पोस्ट के अभ्यर्थी बुधवार...

संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन्स 2024 सत्र 1 के परिणाम में जो छात्र सफल होंगे उन्हें जेईई एडवांस्ड में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। बता दें, आईआईटी मद्रास द्वारा जेईई एडवांस्ड 2024 की परीक्षा 26 ...

शीतकालीन अवकाश के बाद सोमवार को प्रदेश के स्कूलों में रौनक लौटी। पहले दिन कम संख्या में बच्चे स्कूल पहुंचे। ठंड के चलते अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से गुरेज कर रहे हैं। शीतकालीन स्कूलों की बात...

हिमाचल प्रदेश में पहली बार एनसीसी सेकेंड ईयर कैडेट्स का ए सर्टिफिकेट एग्जाम एक साथ और ओएमआर शीट पर लिया गया है। एनसीसी कैडेट्स से मल्टीपर्पज च्वाइस प्रश्र पूछे गए थे, जिन्हें तीन घंटे के अंदर हल करना..

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने साइंटिस्ट/इंजीनियर, टेक्निकल असिस्टेंट, लाइब्रेरी असिस्टेंट व अन्य पदों पर भर्ती के लिए योग्य व इच्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसरो की...

बसंत पंचमी भारत में हिंदुओं का प्रसिद्ध त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा संपूर्ण भारत में बड़े उल्लास के साथ की जाती है। इस दिन स्त्रियां पीले वस्त्र धारण करती हैं। बसंत पंचमी के पर्व से ही बसंत ऋतु का आगमन होता है। शांत, ठंडी, मंद वायु, कटु शीत का स्थान ले लेती है तथा सबको नवप्राण व उत्साह से स्पर्श करती है...

नर्मदा जयंती मां नर्मदा के जन्मदिवस यानी माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है। नर्मदा जयंती मध्य प्रदेश राज्य के नर्मदा नदी के तट पर मनाई जाती है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को शास्त्रों में नर्मदा जयंती कहा गया है। नर्मदा अमरकंटक से प्रवाहित होकर रत्नासागर में समाहित हुई है और अनेक जीवों का उद्धार भी किया है...

भीष्माष्टमी अथवा भीष्म अष्टमी का व्रत माघ माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। महाभारत में वर्णन है कि भीष्म पितामह को इच्छामृत्यु का वरदान था। माघ शुक्लाष्टमी तिथि को बाल ब्रह्मचारी भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने पर अपने प्राण छोड़े थे। उनकी पावन स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन प्रत्येक हिन्दू को भीष्म पितामह के निमित्त कुश, तिल, जल लेकर तर्पण करना चाहिए, चाहे उसके माता-पिता जीवित ही क्यों न हों...

भारत के मंदिर, उनकी भव्यता विश्व प्रसिद्ध है। इसलिए देश-दुनिया से लोग इन मंदिरों में दर्शन करने पहुंचते हैं। साथ ही इन मंदिरों की खूबसूरती वास्तुकला भी आत्मिक शांति देने वाली होती है।