कम्पीटीशन रिव्यू

हिमाचल के श्रेष्ठ स्कूल-13 कुंदन ठाकुर प्रिंसीपल शिक्षा के क्षेत्र में जिला सिरमौर के नाहन स्थित शिशु विद्या निकेतन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल आज जहां नए आयाम स्थापित कर रहा है, वहीं स्थापना के करीब 43 वर्ष बाद शिशु विद्या निकेतन स्कूल नाहन प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। बेहतरीन शिक्षा माहौल

भारत का इतिहास गतांक से आगे… 31 अक्तूबर, 1929 को वायसराय लार्ड इर्विन ने घोषणा की कि साइमन आयोग की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद, भारत की सांविधानिक समस्या पर विचार करने के लिए एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ब्रिटिश भारत और देशी राज्यों के प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे। यह सम्मेलन भारत के

सम्राट हर्षवर्द्धन की मृत्यु के पश्चात, विशेषतया उत्तरी भारत में, ऐसा कोई शक्तिशाली राजा नहीं हुआ जो हिमालय सहित समस्त भारत को अक्षुण्ण बनाए रखता। फलस्वरूप भारत में अव्यवस्था एवं अराजकता फैलने लगी तथा तत्कालीन राजनीतिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा… पूर्व मध्यकालीन हिमाचल गुप्त संस्कृति के साथ-साथ कला की भी 5वीं

जख या पीर की मूर्तियां न होकर मंदिर के अंदर उनकी कब्र बनी होती है। यह पशुओं की बीमारियों से विशेष रूप से रक्षा करते हैं। भैंस या गाय सूने पर जो सबसे पहले घी निकलता है, उसे मंदिरों में चढ़ाया जाता है। प्रमुख पीर बिलासपुर में पीरभ्याणू, ऊना में पीरगाह व पीरसलूही आदि हैं…

165 वर्ष पुरानी छावनी की शिल्पकला और ऐतिहासिक विरासत को पुनर्जीवित करने के दृष्टिगत, सेना ने जेल की ऐतिहासिक संगतता को दर्शाने के लिए एक संग्रहालय की स्थापना की है, जहां आइरिश विद्रोह के नेताओं को कैद में रखा गया था… डगशाई जेल 165 वर्ष पुरानी छावनी की शिल्पकला और ऐतिहासिक विरासत को पुनर्जीवित करने

परशुराम ने निरमंड में अपनी कोठी में यज्ञ के दौरान यज्ञ में नरमुंडों की आहुतियां दी थीं। इसी वजह से आज के निरमंड गांव का नाम तब नरमुंड पड़ा था। हर बारह वर्ष के पश्चात हरिद्वार का कुंभ मेला समाप्त होते ही वेद पाठी ब्राह्मण सीधे निरमंड आ जाते थे। आज भी यही परंपरा है…

उन्होंने ‘रीत’, ‘बेगार’ और ‘छुआछूत’ के विरुद्ध बेरोक संघर्ष किया और विशेषकर कोली जाति से भेदभाव के विरुद्ध। उन्होंने सुकेत सत्याग्रह का नेतृत्व भी किया। सुकेत सत्याग्रह हिमालयन रियासतों में किसी रियासत के राजा के विरुद्ध अपनी किस्म की पहली अहिंसात्मक कार्रवाई थी… नरेंद्र देव जोशी नरेंद्र देव जोशी का जिला मंडी के लूण मंडी

पीर पंजाल लघु हिमाचल की सबसे लंबी शृंखला है, जो बृहद हिमाचल पर्वत शृंखला जलधाराओं के बीच बंटवारे का काम करती है। रावी के स्रोत के पास यह धौलाधार की ओर झुकती है। पीरपंजाल प्रदेश के मध्य में उत्तर-पूर्व में स्थित है… मध्य या लघु हिमालय इस  शृंखला की ऊचाई तल से 1500 मीटर या