आस्था

ज्ञान देकर कर्म का महत्त्व स्‍थापित किया गीता जयंती मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। ‘गीता’ ग्रंथ का प्रादुर्भाव मार्गशीर्ष में शुक्ल एकादशी को कुरुक्षेत्र में हुआ था। महाभारत के समय श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को ज्ञान का मार्ग दिखाते हुए गीता का आगमन होता है। इस ग्रंथ में छोटे-छोटे अठारह

बिलासपुर जनपद मुख्यालय से उत्तर दिशा में करीब चालीस किलोमीटर की दूरी पर घुमारवी लदरौर वाया बस सड़क संपर्क मार्ग पर बाबा बालकनाथ का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। मंदिर में वर्णित सूचना पट्ट व ग्रामीणों के अनुसार इस स्थान पर स्थित विशालकाय पीपल के वृक्ष के चारों और सन् 1917 को धार्मिक विचारों से प्रभावित

ऐसी मान्यता है कि प्राचीन काल में एक बार जब पृथ्वी पर अन्न की कमी हो गई थी, तब मां पार्वती (गौरी) ने अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा के रूप में अवतरित हो पृथ्वी लोक पर अन्न उपलब्ध कराकर समस्त मानव जाति की रक्षा की थी। जिस दिन मां अन्नपूर्णा की उत्पत्ति हुई, वह मार्गशीर्ष

मथुरा-वृंदावन मार्ग पर लगभग मध्य में हिंदू धर्म के महान श्री जुगलकिशोर जी बिड़ला का बनवाया भव्य गीता मंदिर है, जिसमें गीता गायक की संगमरमर की विशाल एवं सुंदर मूर्ति स्थापित है एवं संपूर्ण गीता विशिष्ट अक्षरों में पत्थर पर खुदी है … मथुरा को उसके प्राचीन स्थल और धार्मिक जगहों के लिए जाना जाता

-गतांक से आगे… समस्तगुणसम्पन्ने सर्वलक्षणलक्षिते। शरच्चंद्रमुखे नीले नील नीरज लोचने।। 12।। चंचरीक चमू चारु श्रीहार कुटिलालके। मत्ते भगवती मातः कलकंठरवामृते।। 13।। हासाऽवलोकनैर्दिव्यैर्भक्तचिंतापहारिके। रूप लावण्य तारूण्य कारूण्य गुणभाजने।। 14।। क्वणत्कंकणमंजीरे लसल्लीलाकराम्बुजे। रुद्रप्रकाशिते तत्त्वे धर्माधरे धरालये।। 15।। प्रयच्छ यजमानाय धनं धर्मेकसाधनम्। मातस्त्वं मेऽविलम्बेन दिशस्व जगदम्बिके।। 16।। कृपया करुरागारे प्रार्थितं कुरु मे शुभे। वसुधे वसुधारूपे वसु वासव वंदिते।।

श्रीश्री रवि शंकर दूसरे शब्दों में जो चीज तुम्हें आनंद और खुशी देती है, तुम उस वस्तु का बलिदान नहीं कर सकते जो तुम्हें न पसंद या अस्वीकार है। बलिदान हमेशा किसी श्रेष्ठतर कारण के लिए या किसी बड़ी अच्छाई के लिए किया जाता है। साथ ही उस समय उस बड़ी अच्छाई के लिए तुम्हारा

खास कर ठंड के मौसम में सर्दी-जुकाम, बुखार, गले में खराश, संक्रमण जैसे कई रोग पनपने लगते हैं। सर्दियों के मौसम में हड्डियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत आमतौर पर बढ़ जाती है। खासतौर पर बुजुर्ग इससे अधिक जूझते हैं। इससे निजात पाने के लिए चंद सावधानियां रखनी जरूरी हैं… सर्दियों के मौसम में

8 दिसंबर रविवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, एकादशी, श्री गीता जयंती 9 दिसंबर सोमवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, द्वादशी, सोम प्रदोष व्रत 10 दिसंबर मंगलवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, त्रयोदशी 11 दिसंबर बुधवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, चतुर्दशी, दत्तात्रेय जयंती 12 दिसंबर बृहस्पतिवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, पूर्णिमा, मार्गशीर्ष पूर्णिमा 13 दिसंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, प्रथमा 14 दिसंबर शनिवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, द्वितीया

सर्दियों के मौसम में रंग-बिरंगी सब्जियों के सेवन का मजा ही कुछ और है। चाहे बात गाजर की ही क्यों न करें, सर्दियों में इसे खाने के अपने ही फायदे हैं। गाजर के मीठेपन को लेकर आपको कैलोरी की चिंता करने की भी जरूरत नहीं क्योंकि इसमें बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती है। गाजर