आस्था

बालों के दो मुंहा होने के कई कारण हैं, जिसमें बालों को सही पोषण न मिल पाना, ड्राई और ऑयली बाल, प्रदूषण तनाव और कुछ हेयर केयर की गलतियां शामिल हैं। दो मुंहे बाल आपके बालों की बनावट, सुंदरता और चमक को छीन लेते हैं। दो मुंहे बालों की वजह से आपके बाल रूखे और

अगर किसी व्यक्ति का शरीर अचानक गर्म हो जाए और उसे ठंड लगने लगे, तो आमतौर पर इसे बुखार का संकेत समझा जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि गर्म शरीर के साथ कंपकंपी सिर्फ बुखार नहीं, बल्कि अन्य कई बीमारियों का भी संकेत हो सकता है? इनमें से कुछ बीमारियां या स्वास्थ्य समस्याएं

इस नई परिस्थिति के अनुसार उन्होंने साथी ढूंढे, विवाह किए और गृहस्थ बनाए। हिप्पोक्रेट्स ने इस तरह की विपरीत वर्गीय कुछ घटनाएं देखी थीं और उनका कारण समझने का प्रयत्न किया था। चिकित्सक प्लिनी ने एक ऐसे सात वर्ष के लड़के का वर्णन लिखा है, जो लैंगिक दृष्टि से पूर्ण विकसित हो गया था। 8

ह्लदही में थोड़ी हल्दी मिलाकर घरेलू फैस पैक बना लें और नियमित रूप से प्रयोग करने से त्वचा का रंग साफ होने लगता है। ह्लठंडा दूध लेकर रूई की मदद से भी आप दाग-धब्बों को साफ कर सकते हैं। Email : feature@divyahimachal.co पाठकों से- अगर आपको कोई घरेलू स्वास्थ्य नुस्खा आता है, तो आप भी

जीवन एक वसंत/शहनाज हुसैन किस्त-36  सौंदर्य के क्षेत्र में शहनाज हुसैन एक बड़ी शख्सियत हैं। सौंदर्य के भीतर उनके जीवन संघर्ष की एक लंबी गाथा है। हर किसी के लिए प्रेरणा का काम करने वाला उनका जीवन-वृत्त वास्तव में खुद को संवारने की यात्रा सरीखा भी है। शहनाज हुसैन की बेटी नीलोफर करीमबॉय ने अपनी

 हमारे ऋषि-मुनि, भागः 17  तेज वायु चली, भयानक बादल गरजे, तेज बिजली चमकी, मूसलाधार वर्षा होने लगी। जल ही जल  चारों ओर समुद्र का प्रचंड रूप कर दिया पूरा भूमंडल ग्रसित। सर्वत्र जल ही जल, पृथ्वी का नामोनिशान नहीं। आकाश, स्वर्ग, तारागण, सभी दिशांए पूरा त्रिलोक जलमग्न। अकेले मार्कंडेय पागलों की तरह इधर से उधर,

गतांक से आगे… मैं तो बाल ब्रह्मचारी हूं और पेट भरने को केवल दो रोटी चाहिए। मेरी तो केवल वह राज्य देखने की इच्छा है। गोरख गुरु की बात सुनकर कलिंगा रानी ने सोचा, इतना सच्चा आदमी पृथ्वी पर मिलना दुर्लभ है जिसे पेट भरने के वास्ते दो रोटियां चाहिए। पर समस्या तो यह है

हे शिष्य! जब श्वेतकेतु के पिता आरुणि ने यह बात कही, तब श्वेतकेतु का चित्त उसका उत्तर देने में असमर्थ होने से गर्व रहित हो गया। इस कारण उसने श्रद्धापूर्वक पिता को नमस्कार करके कहा, हे भगवन! मैं ऐसी वस्तुओं को नहीं जानता,इसलिए आप कृपा करके उसका उपदेश मेरे प्रति करो। यह सुनकर आरुणि कहने

सद्गुरु  जग्गी वासुदेव मैं जानता हूं कि किसी उद्यमी के लिए पैसा बहुत मायने रखता है, पर आपके पास पैसा केवल इसलिए नहीं आता कि आप उसे पाना चाहते हैं। यह आपके पास तब आता है जब आप कुछ अच्छे से करते हैं। अगर आप केवल पैसे के बारे में सोचते हैं, तो मेरे हिसाब