आस्था

* मुंह में छाले होने पर केले का पेस्ट बनाकर और उसमें शहद मिलाकर खाने से आराम मिलता है। * अस्थमा है तो एक बड़ा चम्मच शहद और आधा चम्मच दालचीनी मिलाकर खाएं। * सुबह पांच दाने मुन्नके के खाने से कब्ज दूर होती है। * कच्चा प्याज खाने से लू नहीं लगती। * आलू

तिरोभावं च यत्रैति तत्रैवास्तामनं रवेः। नैवास्तमनमर्कस्य नोदयः संतः। उदयास्तामनाख्यं हि दर्शनादर्शनं रवेः। शक्रदीनां पुरे सिष्ठन स्पृशत्येष पुरत्रयम। विकोणो द्वौ तिकोणस्थस्त्रीन कौणंद्वे पुरे तथा। उदितो वर्द्ध मानभिरादयाह्नात्तपन्रविः। ततः परं ह्नंतोभिगौंमिरस्स नियच्चति। उदयास्तमनाभ्यां च स्मृते पूर्वापरे दिशौ। यावस्पुस्ताकपति तावत्पृष्ठे च पार्श्वयोः। ऋतेऽमरगिरेमैंरौरुपरि ब्राह्मणः सभाम। ये मरीचयोऽर्त्कय प्रयान्यि बाह्मणः सभाम। ये मरीचयोऽर्कय प्रयान्यि ब्राह्मणः। सभाम। ते तं निरसस्तत्भांसां

इस योग में सूरज को सुबह के समय बिना पलक झपकाए कम से कम 5 मिनट तक देखना होता है। इससे शरीर के अंदर मौजूद सभी नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है और इससे शरीर को विटामिन डी  मिलता है, जिससे आप कई बीमारियांे से बचे रहते हैं…  जिस तरह सूर्य नमस्कार करने से तन

ओशो  तुमने देखा विनम्र आदमी का अहंकार। वह कहता है मैं आपके पैर की धूल, मगर उसकी आंख में देखना, वह क्या कह रहा है। अगर तुम कहो कि आप बिलकुल ठीक कह रहे हैं, हमको तो पहले ही से पता था कि आप पैर की धूल हैं, तो वह झगड़ने को खड़ा हो जाएगा। वह

गर्मी में बच्चों की स्किन व हैल्थ से जुड़ी समस्याएं जैसे कि घमौरियां, रैशेज व डिहाइड्रेशन देखने को मिलती है। वैसे भी इस मौसम में मांं अकसर अपने छोटे बच्चे की स्किन की सुरक्षा को ले कर चिंतित रहती है, क्योंकि बच्चों की स्किन बड़ों की स्किन से तीन गुना अधिक कोमल होती है। बच्चों

श्रीराम शर्मा शायद तुम्हारा मन अपने दुस्स्वभावों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं होता। काम, क्रोध, लोभ मोह के चंगुल में तुम जकड़े हुए हो और जकड़े ही रहना चाहते हो। अच्छा तो एक काम करो। इन चारों का ठीक- ठीक स्वरूप समझ लो। इनको ठीक तरह प्रयोग में लाना सीख लो। तो तुम्हारा काम

एक युवा स्त्री ने मरते समय अपने पति से कहा, मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूं और तुम्हें छोड़कर जाना नहीं चाहती। मेरे बाद तुम किसी दूसरी औरत को मत अपनाना। अगर तुमने ऐसा किया तो मैं भूत बन कर आऊंगी और तुम्हें परेशान करूंगी। युवा स्त्री चल बसी। उसके पति ने तीन महीने तक

श्रीश्री रवि शंकर युवा जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं और वह इसका तत्काल समाधान चाहते हैं। वह चाहते हैं कि उनके लिए सब कुछ अभी इसी पल में हो जाए। जब तक वह अपनी इच्छाओं और आकांक्षाओं को संभालना नहीं सीखेंगे, तब तक वह कुछ गलत रास्तों का भी चुनाव करते रहेंगे। दरअसल, हर युवा

गुप्त नवरात्र हिंदू धर्म में उसी प्रकार मान्य हैं जिस प्रकार शारदीय और चैत्र नवरात्र। आषाढ़ और माघ माह के नवरात्रों को गुप्त नवरात्र कह कर पुकारा जाता है। बहुत कम लोगों को ही इसके ज्ञान या छिपे हुए होने के कारण इसे गुप्त नवरात्र कहा जाता है। गुप्त नवरात्र मनाने और इनकी साधना का