आस्था

मानसून का मौसम लोगों के लिए विभिन्न व्यंजनों का आनंद लेने के लिए सबसे सही समय माना जाता है। हालांकि इस मौसम में सेहत के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। मानसून के मौसम में कुछ मुख्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जैसे अपच, पाचन संबंधी समस्याएं, संक्रमण आदि। इसलिए आपको अपनी सेहत

* एसिडिटी की समस्या से राहत पाने के लिए ठंडे दूध का सेवन करें। * खाने के बाद सौंफ चबाना अच्छा विकल्प है। इससे पेट की अम्लता रुकती है और एसिडिटी से राहत मिलती है। * भुना हुआ पीसा जीरा गर्म पानी में घोल कर पीने से पेट दर्द और गैस से आराम मिलता है।

जे.पी. शर्मा, मनोवैज्ञानिक नीलकंठ, मेन बाजार ऊना मो. 9816168952 पूरे विश्व में सभी देशों के अस्तित्व में आने से लेकर वर्तमान तक सदा जनता पर सत्ता काबिज होती आई है इसके रूप जरूर अलग-अलग रहे हैं कभी लोकतंत्र, कभी तानाशाही, कभी राजतंत्र, कभी गुलामी सभी तरह के आका राज करते आए हंै। सभी सत्ताओं की

बाबा हरदेव गतांक से आगे.. मानवता का अर्थ है नैतिक गुणों का संचय, ऐसी जानकारी जिसमें अच्छा-बुरा, उचित-अनुचित, करुणा-घृणा, नम्रता-कठोरता आदि गुणों का विचार करके उन्हें अपनाने की क्षमता हो। यह पद्धति मानव को मानवीय गुणों से युक्त करके मानवता के दायरे में लाती है। मानव योनि उत्तम योनि मानी गई है क्योंकि इसमें विवेक

हरियाली तीज का उत्सव श्रावण मास में शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। मुख्यत: यह स्त्रियों का त्योहार है। इस समय जब प्रकृति चारों तरफ हरियाली की चादर सी बिछा देती है तो प्रकृति की इस छटा को देखकर मन पुलकित होकर नाच उठता है। जगह-जगह झूले पड़ते हैं। स्त्रियों के समूह गीत गा-गाकर

हरेला उत्तराखंड के परिवेश और खेती के साथ जुड़ा हुआ त्योहार है। इस त्योहार को सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान कुमाऊं के तमाम इलाकों में हरेला मेले का आयोजन भी किया जाता है। श्रावण महीने में इस मेले का बहुत महत्त्व माना जाता है। इस दौरान भिन्न-भिन्न तरह के पकवान बनाए

कर्क संक्रांति अथवा श्रावण संक्रांति का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है। सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश ही कर्क संक्रांति कहलाता है। संक्रांति के पुण्य काल में दान, जप, पूजा, पाठ इत्यादि का विशेष महत्त्व होता है। इस समय पर किए

भगवान शिव के प्रमुख गणों में एक नंदी महाराज हैं। नंदी देव उनके परम भक्त माने गए हैं। भगवान शिव की सभी लीलाओं के साक्षी भी नंदी हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार नंदी भगवान शिव का वाहन है। वह एक बैल का रूप हैं। शिव की भक्ति में विश्वास रखने वाले शिव-पार्वती, गणेश-कार्तिकेय के बाद

हिमाचल प्रदेश देवी-देवताओं की पवित्र धरती है और जहां अनेक मंदिर स्थित हैं, इन्हीं में से एक मंदिर है ऊना जिला के तलमेहड़ा में धौम्येश्वर शिव मंदिर। पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों के पुरोहित धौम्य ऋषि ने इसी स्थान पर भगवान शिव की आराधना की थी। भगवान ने तपस्या से प्रसन्न होकर धौम्य ऋषि द्वारा