आस्था

15 अक्तूबर रविवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, एकादशी, रमा एकादशी व्रत 16 अक्तूबर सोमवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, द्वादशी, गोवत्स द्वादशी 17 अक्तूबर मंगलवार, कार्तिक, कृष्णपक्ष, त्रयोदशी, धन त्रयोदशी 18 अक्तूबर बुधवार, कार्तिक, कृष्णपक्ष, चतुर्दशी, नरक चतुर्दशी 19 अक्तूबर बृहस्पतिवार, कार्तिक,  कृष्णपक्ष, दीपावली, अमावस्या 20 अक्तूबर शुक्रवार, कार्तिक, शुक्लपक्ष, प्रथमा, गोवर्धन पूजा 21 अक्तूबर शनिवार, कार्तिक, शुक्लपक्ष, द्वितीया, भाई

मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर को भारत में स्वच्छ आइकोनिक प्लेस घोषित किया गया है। मदुरै जिले के जिलाधीश के वीरा राघव राव और निगम आयुक्त एस अनीश शेखर को उमा भारती पेयजल और स्वच्छता मंत्री द्वारा पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसमें कुल 63 कम्पेक्ट डिब्बे रखे गए हैं और चार कम्पेक्टर ट्रक मंदिर परिसर के चारों

संबंधों की ताकत व्यक्ति को अनायास ही नहीं प्राप्त होती। संबंध को पोषण त्याग और समर्पण से मिलता है। करवा चौथ का व्रत हमें संबंधों की ताकत और उसके लिए आवश्यक समर्पण, दोनों की अनुभूति कराता है… स्वस्थ संबंध सुख के प्रमुख स्रोत हैं। संबंधों को सहेजकर रखने वाला व्यक्ति जीवन में आने वाले तमाम

जीवन में धन की उपादेयता क्या है, इसके बारे में अधिक कुछ बताने की आवश्यकता नहीं पड़ती। हम सभी दैनिक कार्यों से लेकर विपत्तियों तक से निपटने में धन के महत्त्व की अनुभूति करते ही रहते हैं। व्यक्ति अपनी सामर्थ्य के अनुसार उद्यम करता है, पर सफल हर व्यक्ति नहीं हो पाता है। शास्त्रों के

लोग दो तरह के कष्टों को सहते हैं। आम तौर पर लोग सोचते हैं कि कष्ट या तो शारीरिक होते हैं या मानसिक। शारीरिक पीड़ा कई कारणों से हो सकती है, पर 90 प्रतिशत मानवीय कष्ट मानसिक होते हैं, जिसका कारण हमारे भीतर ही होता है। लोग हर रोज अपने लिए कष्ट पैदा करते हैं।

श्रीराम शर्मा महाभारत के उद्योग पर्व में लिखा है, सत्य स्वर्गस्य सोपान पारावा रस्नौरिव। अर्थात जिस प्रकार नाव का आश्रय व्यक्ति को समुद्र पार करा देता है, उसी प्रकार सत्य व्यक्ति को संसार सागर से पार कर स्वर्ग तक पहुंचा देता है। यह एक सारपूर्ण सिद्धांत है। सत्य का मार्ग देखने और चलने में कठिन

8 अक्तूबर रविवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, तृतीया, करवाचौथ व्रत 9 अक्तूबर सोमवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, चतुर्थी 10 अक्तूबर मंगलवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, पंचमी 11 अक्तूबर बुधवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, षष्ठी 12 अक्तूबर बृहस्पतिवार, आश्विन,  कृष्णपक्ष, सप्तमी, अष्टमी, अहोई अष्टमी व्रत 13 अक्तूबर शुक्रवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, नवमी 14 अक्तूबर शनिवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, दशमी

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… मैं अनुभव करता हूं कि मैं शरीर हूं, कि मैं अशुभ का प्रतिरोधी हूं। यदि मेरे सिर में दर्द होता है, तो मैं उसे अच्छा करने के लिए संसार भर में फिरता हूं, मैं औषधि की दो हजार बोतलें पीता हूं। मैं उन अनूठे मनों को कैसे समझ सकता हूं?

जब श्री गुरु रविदास महाराज जी ने 15वीं सदी में अवतार धारण किया तो अवतार धारण करते ही दीन-दुखियों के दुखों-कष्टों का निवारण करना भी शुरू कर दिया। भानी दाई जो अंधी थी, सतगुरु रविदास महाराज जी के स्पर्श मात्र से ही उसकी आंखों की रोशनी आ गई। बाबा कालू जी ने बेअंत माया गरीबों