आस्था

24 सितंबर रविवार, आश्विन, शुक्लपक्ष, चतुर्थी, उपांग ललिता व्रत 25 सितंबर सोमवार, आश्विन, शुक्लपक्ष, पंचमी 26 सितंबर मंगलवार, आश्विन, शुक्लपक्ष, षष्ठी २7 सितंबर बुधवार, आश्विन, शुक्लपक्ष, सप्तमी, भद्रकाली अवतार २8 सितंबर बृहस्पतिवार, आश्विन,  शुक्लपक्ष, अष्टमी, श्री दुर्गा अष्टमी २9 सितंबर शुक्रवार, आश्विन, शुक्लपक्ष, नवमी, नवरात्र समाप्त 30 सितंबर शनिवार, आश्विन, शुक्लपक्ष, दशमी, दशहरा पर्व  

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… बाह्या इंद्रियां शरीर के विभिन्न भागों में स्थित दृश्य अंग हैं, अंतःइंद्रियां अस्पृश्य हैं। हमारे नेत्र, कान, नाक आदि बाह्या हैं  और उनसे संगत अंतःइंद्रियां हैं। हम निरंतर इंद्रियों के इन दोनों वर्गों के संकेतों पर नाचते हैं। इंद्रियों के समानुरूपी इंद्रिय विषय हैं। यदि कोई इंद्रिय विषय निकट होते

बाबा हरदेव तत्त्व ज्ञानियों का कथन है कि ‘श्रद्धा’ अकारण है, इसमें वासना, कामना और तृष्णा नहीं होती। ‘श्रद्धा’ उपकरण नहीं है, बल्कि श्रद्धा अखंड चेतना की श्वास है। श्रद्धा कोई संकल्प भी नहीं है और न श्रद्धा कोई ठहरी हुई घटना है, यह तो गतात्मक है, प्रवाहमान है और सतत ब्रह्म भाव है। यह

श्रीश्री रवि शंकर श्री कृष्ण गीता में कहते हैं, आप  तब तक योग की स्थिति को उपलब्ध नहीं हो सकते, जब तक आपके अंदर की इच्छाएं समाप्त नहीं हो जातीं। आप इस बात को अपने अनुभव से भी देख सकते हैं। जब आप नींद के लिए बिस्तर पर जाते हैं और कोई बात आपको परेशान

सद्गुरु  जग्गी वासुदेव भक्ति कुदरत की तरह है। कुदरत देने में कंजूसी नहीं करती, वह हर चीज में अपने आपको पूरी तरह से समर्पित कर देती है। कुदरत की हर चीज अपनी पूरी क्षमता से देना जानती है। जबकि मनुष्य बचत करने का प्रयास करता है। क्योंकि इनसान खुशी, अपना प्यार और वह सारी बातें,

नाभि-मंडल में सूर्य का निवास है। सूर्य और चंद्र दोनों अधोमुखी हैं। सूर्य इस अमृतमयी शक्ति को जलाता और नष्ट करता रहता है। वास्तव में आकाश में चमकने वाली बिजली के समान इस शरीर के अंदर भी एक अग्नि है… साधना और तंत्र-मंत्र में कुंडलिनी की उपयोगिता से भला कौन इनकार कर सकता है। जब

ओशो बच्चा भयभीत हो जाता है और जब अपनों से इतना डर है तो परायों का तो कहना ही क्या! जब अपनों पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता कि हर घड़ी प्रेम मिलेगा, तो दूसरों का तो क्या भरोसा! फिर बच्चा बड़ा होता है, स्कूल जाता है, वहां कोई अपना नहीं है। शिक्षक अपना

भारत में ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा देखे और घूमे जाने वाले पर्यटक स्थलों में अगर कोई दूसरा नाम आता है तो वह है खजुराहो। खजुराहो भारतीय आर्य स्थापत्य और वास्तुकला की एक नायाब मिसाल है। खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो मध्यकालीन स्मारक हैं… खजुराहो वैसे तो भारत

* रक्त को साफ  करने यानी रक्त शुद्धि के लिए शहद का सेवन करना चाहिए। * शहद में विटामिन ए, बी, सी, आयरन, कैल्शियम, सोडियम, फास्फोरस, आयोडीन पाए जाते हैं। रोजाना शहद का सेवन शरीर में शक्ति, स्फूर्ति और ताजगी पैदाकर रोगों से लड़ने की शक्ति भी बढ़ाता है। * कफ  एवं अस्थमा को शहद