आस्था

बजरंग बली हनुमानजी श्रद्धा, समर्पण, बल और बुद्धि के प्रतीक हैं। भारत का सामान्य से सामान्य आदमी हनुमानजी के जीवन से जुड़ाव महसूस करता है और प्रेरित भी होता है। इसलिए वह संपूर्ण भारत के लोक देवता माने जाते हैं। इस जुड़ाव के कारण ही संकट के क्षण में सबसे पहले उन्हीं का स्मरण होता

भारतीय संस्कृति में बैसाखी ऐसा महत्त्वपूर्ण त्योहार है, जिसका राष्ट्रीय चेतना, प्रकृति, इतिहास, जलवायु और कृषि के साथ गहरा जुड़ाव है। हरित क्रांति के पर्याय रूपी इस पर्व को सिर्फ  पंजाब के किसान ही नहीं मनाते, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी बैसाखी का त्योहार समान उत्साह से मनाया जाता है। पंजाब के किसान

सौंदर्य और धार्मिक स्थल मुक्तागिरी ऐसा स्थल है, जहां माना जाता है कि केसर और चंदन की आज भी बारिश होती है। इस पवित्र स्थल पर दिगंबर जैन संप्रदाय के 52 मंदिर हैं। एक से बढ़कर एक शिल्पकला का नमूना यहां की मूर्तियों में देखने को मिलता है। मन को सुख और शांति  देने वाले

यहां हनुमान जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है, इस दौरान एक विशेष शोभा यात्रा निकाली जाती है जो दुर्गाकुंड से सटे ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर से लेकर संकट मोचन तक निकाली जाती है… संकट मोचन हनुमान मंदिर भगवान हनुमान के पवित्र मंदिरों में से एक है। यह वाराणसी उत्तर प्रदेश भारत में स्थित है। यह

हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थल महाकालेश्वर मंदिर में बैसाखी मेले का विशेष महत्त्व है। प्राचीन कालीनाथ महोदव का ऐतिहासिक मंदिर देहरा उपमंडल के कालेश्वर में व्यास नदी के तट पर स्थित है। यूं तो इस मंदिर के साथ शांत रूप में बहती व्यास नदी की अविरल धारा में पूर्णिमा, अमावस्या एवं ग्रहण इत्यादि पर

अगर आपने बालों को घना बनाना है तो नहाने से पहले बालों में आंवले का रस और नींबू का रस मिला कर लगाइए। इसके लिए आप दो चम्मच नींबू के रस में दो चम्मच आंवले का रस मिलाकर मिश्रण बना लें। फिर इस मिश्रण को सिर पर लगाएं और सूखने के बाद गुनगुने पानी से

पारिवारिक जीवन को मधुर बनाने वाला प्रमुख गुण निःस्वार्थ प्रेम है। यदि प्रेम की पवित्र रज्जु से परिवार के समस्त अवयव सुसंगठित रहें, एक-दूसरे की मंगल कामना करते रहें, एक-दूसरे को परस्पर सहयोग प्रदान करते रहें, तो संपूर्ण सम्मिलित कुटुंब सुघड़ता से चलता रहेगा। परिवार एक पाठशाला है, एक शिक्षा संस्था है, जहां हम प्रेम

आयुर्वेद में इस वृक्ष को चामत्कारिक और औषधीय गुणों से भरपूर बताया गया है। कचनार के फूल और कलियां वात रोग, जोड़ों के दर्द के लिए विशेष लाभकारी हैं… प्रकृति ने कई पेड़ पौधों को औषधीय गुणों से भरपूर रखा है। इन्हीं में से एक कचनार का पेड़ भी है, जो अधिकतर कंडी क्षेत्र में

टेटनस को सतत मांसपेशी संकुचन भी कहते हैं यह जीवाणुओं से होने वाला संक्रमण है। चोट से उत्पन्न जख्म के संपर्क में जैसे ही टेटनस के जीवाणु आते हैं शरीर के सैल्स के साथ मिलने पर वे एक विशेष प्रकार का विषैला पदार्थ शरीर में छोड़ देते हैं। यह टॉक्सिन तंत्रिकाओं के द्वारा चोट लगने