पाठकों के पत्र

(डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर ) केंद्रीय पेट्रोलियम तथा ऊर्जा राज्य मंत्री धमेंद्र प्रधान ने सोलन के ठोडो मैदान से हिमाचल प्रदेश में निर्धन उज्जवला योजना का प्रारंभ किया, जो एक स्वागत योग्य बात है। जिसके लिए केंद्रिय पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा जी को हार्दिक धन्यवाद। इस योजना से

(मुकेश शर्मा, सिरमौर ) भारतीय सैन्य अकादमी से इस बार हिमाचल प्रदेश ने देश को 21 फौजी अफसर दिए हैं। सैन्य पृष्ठभूमि वाले हिमाचल के सबसे ज्यादा जवान देश पर कुर्बान हुए हैं। सेना के हर क्षेत्र में हिमाचली अपना डंका बजा रहे हैं, पर सेना भर्ती कोटा बढ़ाना हो या हिमाचल रेजिमेंट बनाने की

कृषक का हित (डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंम्बलहार, पालमपुर  ) मांग रहे हक, खा रहे, गोली की बौछार, सोच रही हित कृषक का, यह कैसी सरकार। क्यों विपन्न इतने कृषक, जीना हुआ मुहाल, आत्मदाह क्यों कर रहे, क्यों इतने बदहाल? राजनीति गरमा रही, बड़ा भयंकर खेल,  कुछ मरते खपते रहे, डाल दिए कुछ जेल। वो ही

(किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर ) आज भारतीय किसान बेचैन है। खेत खलिहान छोड़ वह सड़कों पर है। दरअसल हमारा कृषक वर्ग उपेक्षित, शोषित और असहाय अनुभव करता है। उस पर कर्जभार बहुत है और आज तक उसे कोरे आश्वासन मिले और निराशा ही हाथ लगी। जिसका भी दांव लगा, उसे छला ही गया। शोषण

(डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर) जब योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्य मंत्री बनाया गया तो वह सुपर फास्ट ट्रेन से भी ज्यादा यूपी में भागे थे तथा जगह-जगह मोदी-मोदी एवं योगी-योगी हुआ था। पर ऐसा जान पड़ता है कि कुछ माह में ही उनका जादू टूट रहा है। अब यूपी में जगह-जगह हिंसा, उग्रवाद

(रचना परमार, मंडी, ) एम्स की घोषणा हुए लगभग डेढ़ साल हो गया है और पता चला है कि केंद्र ने अभी तक एम्स के बारे में अधिसूचना ही जारी नहीं की है। यानी हम यह समझें कि अब तक सब हवा में ही था। वैसे नेताओं ने तो भाषणों में हिमाचल में एम्स बना

(रश्मि सूद,  बीबीएन ) वैसे तो अब हिमाचल में एटीएम लुटने के समाचार अब आम हो गए हैं। अपराध हिमाचल में अपने पैर पसारता जा रहा है। पर्यटन की आड़ में पड़ोसी राज्यों से आता अपराधियों का अमला ही इन वारदातों को अंजाम दे रहा है। कुछ ही महीनों में हिमाचल में एटीएम लूटने की

(सुरेश कुमार ) बहुत शोर उठा कि वसुंधरा राजे विस्थापितों का दर्द बांटने आ रही हैं। वह विस्थापितों को उनका हक दिलाने के मकसद से हिमाचल आने वाली हैं, पर सब किया धरा रह गया और उनका दौरा रद्द हो गया। जब अपने ही नेता हल न निकाल सके, तो दूसरे राज्य की मुख्यमंत्री को

(कृष्ण संधु,  कुल्लू ) यदि इस पहाड़ी प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता को बचाना है तो पन बिजली परियोजनाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर हमें इस कभी खत्म न होने वाली सौर ऊर्जा का पूरी तरह दोहन करना होगा। यदि प्रदेश की क्षमता 33,000 की है तो हम थोड़ा कष्ट करके इसके दोहन की तरफ  क्यों नहीं