संपादकीय

अंब-अंदौरा के बाद एक और वंदे भारत ट्रेन हिमाचल के नजदीक पहुंच रही है। दरअसल वैष्णो देवी दौड़ रही वंदे भारत अब पठानकोट कैंट में रुकेगी, तो पंख फैलाए हिमाचल को दूर से ही सही इसमें बैठने का मौका मिल जाएगा। हम इसमें भी खुश हैं कि पठानकोट से ही देश के साथ कदमताल का अवसर मिल गया, वरना सपनों की ट्रेन तो आज भी कम चौड़ी पटरियों पर जगह तलाश रही है। वंदे भारत का पठानकोट में रुकना हिमाचल को कितना समृद्ध कर रहा है, इसको लेकर शाबाशियों और आत्म श£ाघा का एक दौर जरूर चलेगा, लेकिन हिमाचल की असली ट्रेन है कहां। अब अंब-अंदौरा की वंदेभारत ज्यादा व्यावहारिक होगी या पठानकोट कैंट की, इस पर यात्रीगण जरूर ध्यान देंगे, लेकिन राहत यह कि दिल्ली का सफर सीधा होने जा रहा है। पर्यटन और ट्रेन के

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू भारत की ‘सिलिकॉन वैली’ है। वहां के लोकप्रिय ‘रामेश्वरम कैफे’ में बीते शुक्रवार को ऐसा विस्फोट हुआ, जिसकी नीयत और ताकत आतंकी हमले से कम नहीं थी। विस्फोट में 9 लोग घायल हुए। उनमें 45 साल की एक महिला पहचानी गई, जो सेमीकंडक्टर की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में लेखापाल के पद पर कार्यरत है। वह विस्फोट में झुलस गई है और फिलहाल जख्मों से लड़ रही है। शुरुआती जांच के संकेत हैं कि एक अनजान व्यक्ति ने विस्फोट से कुछ मिनट पहले ही उस लोकप्रिय कैफे में बैग रखा था। पुलिस सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है, ताकि संदिग्ध की पहचान की जा सके। संभवत: आईई

भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए 195 उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की है, उसमें निरंतरता के साथ-साथ परिवर्तन और नयापन भी है। सामाजिक न्याय का भी संदेश दिया गया है, क्योंकि ओबीसी के 57 उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। अनुसूचित जाति के 27 और जनजाति के 18 नामों को भी स्थान दिया गया है, हालांकि उनकी निश्चित सीटें आरक्षित होती हैं। भाजपा ने अपने बुनियादी

हिमाचल की राजनीतिक अनिश्चितता के बीच कई ऐसे संबोधन भी हैं जो पूरी तरह प्रदेश के लिए हैं। इन्हीं में से एक जोगिंद्रनगर की शानन विद्युत परियोजना है जो कायदे से अब तक हिमाचल की हो जानी चाहिए थी और अब तो लीज भी खत्म हो गई, तो इस अधिकार पर

हिमाचल सरकार की निरंतरता में अब नए कदम भले ही सामान्य परिस्थितियां मान कर चलें, लेकिन जो शिकारी थे वे मोर्चे पर ही देखे गए। पहले एक ही नदी में दो धाराएं थीं अब ये धाराएं अलग-अलग नदियां हैं और कहीं...

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद सुखद और सकारात्मक संकेत हैं। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर, 2023) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर 8.4 फीसदी रही है। बीते साल इसी

यह युद्ध नायक व खलनायक के बीच था और अंतत: हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया के फैसले से साबित हो गया कि ऊंट किस करवट बैठा है। दुष्चक्र अब वक्त के चक्र में नए फौलाद के पिघलने का इंतजार करेगा, तो यह युद्ध अब सीधे से संवाद करेगा। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को लगी चपत अब नए समीकरणों में जब्त हो गई। कांग्रेस ने सत्ता की दीवार और मोटी कर ली या घर के भीतर से कुछ

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक न केवल सनातन-विरोधी है, बल्कि भारत-विरोधी भी है। संविधान धार्मिक आस्था और पूजा-पद्धति की अनुमति तो देता है, लेकिन भारत-विरोध का कोई प्रावधान नहीं है। भारत-विरोध के मायने हैं कि आप देश की संप्रभुता, एकता, अखंडता और राष्ट्र के तौर पर अपमान कर रहे हैं। कोई साजिश रच रहे हैं। उन्हें चुनौती दे रहे हैं। यह सरासर देशद्रोह है और नई न्याय संहिता में इस अपराध की सजा स्पष्ट हो जाएगी। यह संहिता 1 मार्च से देश भर में लागू हो रही है। द्रमुक सरकार ने एक विज्ञापन छपवाया है, जो इसरो

कांग्रेस खुद पर अफसोस या गुस्सा करे, अहंकार की दौलत में बिक रहा जमाना। जाहिर है हिमाचल से राज्यसभा की यात्रा ने एक सरकार के वजूद को छील दिया और इस छिछालेदर में सारी खुन्नस निकल गई। राजनीति अपनी बस्ती नहीं चुन सकती, तो अपनी ही अस्थि उठानी पड़ेगी, वरना भाजपा के कुल 25 विधायकों के सामने कांग्रेस के चालीस इतने सक्षम थे कि अभिषेक मनु सिंघवी यहां से राज्यसभा का तिलक लगाकर लौटते, मगर लुटिया डूबी जहां आशाएं तैर रही थीं। इस गिनती पर कौन भरोसा करे जिसने भाजपा के हर्ष में अपनी तौहीन कबूल की। आश्चर्य यह कि जिस अकड़ से सत्ता चल रही थी, उसकी