संपादकीय

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधलेबाजी पर देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की टिप्पणी सामने आई है कि यह लोकतंत्र के साथ भद्दा मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। निर्वाचन अधिकारी पर मुकदमा चलाकर सजा दी जानी चाहिए। यह साफ देखा जा सकता है कि निर्वाचन अधिकारी मतपत्रों को ‘विकृत’ कर रहे हैं। कोई ऐसा कैसे कर सकता है? हम यह देखकर हैरान हैं।’ जस्टिस चंद्रचूड़ की यह टिप्पणी पराकाष्ठा की है। अलबत्ता वह बेहद संयम के साथ अपनी प्रतिक्रिया देते रहे हैं। इस प्रकरण में सवाल और संदेह तत्कालीन राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशास

हिमाचल में भी राजनीतिक खिलौने सज-धज कर निकल रहे हैं ताकि जनता के सामने कुछ करतब दिखाए जाएं। इसी परिप्रेक्ष्य में अयोध्या नगरी के तार अंब-अंदौरा तक जुड़े, तो ऊना से ही वृंदावन चलने के लिए स्पेशल बस ने हामी भरी। यकायक आस्था के प्रसार में सरकारों की हरी झं

पहले बिहार के ‘जननायक’ समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर और अब भाजपा के शिखर-पुरुष लालकृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत-रत्न’ से नवाजने का निर्णय राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के दौर में लिया गया। यह सम्मान प्रधानमंत्री की अनुशंसा पर राष्ट्रपति देते हैं। आडवाणी को ‘भारत-रत्न’ देने

भीगते मौसम के पहरे में राजनीति के हुंकारे जब धर्मशाला में इंद्रुनाग से प्रार्थना कर रहे थे, तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के स्वागत द्वार पर आगामी लोकसभा चुनाव के हरकारे तैनात रहे। निश्चित रूप से भाजपा ने धर्मशाला में अपना कद तौर-तरीके, संगठन शक्ति, जीत की लालसा और तैयारी का जज्बा दिखाया है। पिछले चुनावों में हिमाचल ने जो खोया, उसके सामने नए बीज बोती पार्टी ने कांग्रेस के सामने अपना रा

सिद्ध होना था कि हिमाचल निवेश के काबिल है और अगर इसी उद्देश्य से अरब हैल्थ एक्सपो से प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन व उनकी टीम परिणाम ला रही है, तो यह सरकार के प्रयत्नों में मील पत्थर साबित होगा। दुबई से कुल 2345 करोड़ के निवेश का अर्थ सर्वप्रथम बल्क ड्रग पार्क का दायरा बढ़ा रहा है, जबकि इससे मेडिकल डिवाइस पार्क का औचित्य भी सलामत हुआ है। ड्रग पार्क के लिए 1100 करोड़ तथा डिवाइस पार्क के 2

अंतरिम बजट को ‘विकसित भारत’ की संभावनाओं का दस्तावेज मान कर विश्लेषण किए गए हैं। वर्ष 2047 अभी बहुत दूर है। अभी भारत की कुल अर्थव्यवस्था 3.7 ट्रिलियन डॉलर की है। विकसित राष्ट्र के लिए सिर्फ अर्थव्यवस्था का बढऩा ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि देश के लोगों की जीवन-शैली, जीवन-स्तर, आधुनिक शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी और तकनीकी सुविधाएं और सुधार और व्यापक रोजगार आदि भी बेहतर दर्जे के होने चाहिएं। फिलहाल शिक्षा प

चुनाव की रखवाली में आए केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में यूं तो आत्म श£ाघा के कई दरवाजे खुले हैं, लेकिन चेतावनियों के बीच राज्यों के लिए अपना आर्थिक सम्मान हासिल करना कठिन है। खास तौर पर हिमाचल जैसे राज्यों के लिए आफत का यह कठिन दौर न तो केंद्रीय बजट को सूंघ पा रहा है और न ही इसके भीतर खुद को ढांप पा रहा है। ऐसे में सुक्खू सरकार की आर्थिक कसौटियों में प्रदेश के आगामी बजट सत्र का हर कदम परीक्षाओं से भरा है। करीब दो हफ्ते बाद हिमाचल अपने बजट के माध्यम से नए कर्ज को पुकार रहा होगा, तो कहीं केंद्रीय योजनाओं के बीच खुद को निहार रहा होगा। हालांकि सुक्खू सरकार की कुछ प्राथमिकताएं केंद्रीय बजट में संबोधित हुई हैं और इनके सदके सरकार अपने प्रथम वर्ष के आर्थिक हिसाब को दूसरे से मिलाकर नए शब्दों में अभिव्यक्त करना चाहेगी। कोई नहीं जानता कि इस बार देश के आर्थिक सर्वेक्षण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी चार महीनों के लिए अंतरिम बजट लोकसभा में पेश किया। यह उनका रिकॉर्ड छठा बजट है। अंतरिम बजट में मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया गया और अर्थव्यवस्था, विकास की हरी-हरी तस्वीर पेश की गई। मसलन-भारत विश्व-गुरु के तौर पर उभर रहा है। जनता खुश है और सशक्त हुई है। उसमें उम्मीद और आशावाद जागा है। सरकार के 10 सालों में सकारात्मक अर्थव्यवस्था रही है। रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हुई है। सामाजिक समावेश का आर्थिक विकास हुआ है। भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ है। भारत 2047 में ‘विकसित राष्ट्र’ होगा। अंतरिम बजट से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को आम चुनाव जीतने की कोई चिंता नहीं है, लिहाजा वित्त मंत्री ने दावा किया है कि जुलाई के पूर्ण और आम बजट में विकसित भारत के व्यापक विकास का रोड-मैप

हिमाचल में ताबड़तोड़ तरीके से हो रहे स्थानांतरण के बीच एक गूंज यह कि प्रशासन का निजाम बदल रहा है, दूसरी ओर आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व सरकार ने सारी स्लेट को साफ करके, लोकतांत्रिक फर्ज को वरीयता दी है। धीरे-धीरे जिलों के प्रशासनिक, पुलिस अधिकारी तथा उपमंडल स्तर तक एसडीएम, डीएसपी, तहसीलदार तथा नायब तहसीलदारों की अदला बदली कर दी है। अधिकारियों की नई पांत बिछा कर सुक्खू सरकार ने