संपादकीय

‘आरएसएस हिंदू संगठन नहीं है। संघ की सोच भी हिंदू धर्म के खिलाफ है। हिंदुओं के किसी भी उपनिषद और धार्मिक ग्रंथ में नफरत फैलाने और गुस्सा दिखाने की बातें नहीं हैं, लेकिन आरएसएस इन सबसे उलट ही करता है।’ ये शब्द हमारी वैचारिक उपज नहीं हैं, बल्कि एक साक्षात्कार में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी

महाराष्ट्र, खासकर आर्थिक राजधानी मुंबई, को भाजपा का ही साथ पसंद है। देश की सबसे अमीर मुंबई महानगरपालिका, जिसका बजट करीब 37,000 करोड़ रुपए है, के चुनाव में असली जीत भाजपा की हुई है। शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने और नोटबंदी दुष्प्रचार की छाया में 10 नगर निगमों के चुनाव हुए थे। भाजपा उनमें से

सरकारी मन्नतों के दरवाजे जिस तरह तेलंगाना में खुले हैं, उसके आश्चर्यजनक संकेतों से राजनीतिक इतिहास के पन्ने भी सिहर उठे हैं। मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने राजनीतिक मन्नत के फलक पर सरकारी खजाने को ही चढ़ाकर एक नई परंपरा शुरू कर दी। राजनीतिक मन्नत के साढ़े पांच करोड़ का सोना अगर सरकारी खजाने की सौगात

प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार प्रत्यक्ष और सार्वजनिक तौर पर एच1बी वीजा का मुद्दा उठाया है। 26 अमरीकी सांसदों के साथ संवाद के दौरान उन्होंने भारत और उसके सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पेशेवरों के मुद्दे पर सरोकार जताया। अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप अप्रवासी वीजा में संशोधन करना चाहते हैं। अवैध अप्रवासियों को तो देश से तुरंत निकालने

रिकार्ड के लिए देव ध्वनि का लिम्का बुक में दर्ज होना समूचे प्रदेश का गौरव बढ़ाता है, लेकिन इसके साथ बजंतरी समाज को नजदीक से समझने की टीस भी जुड़ती है। देव परंपरा का एक पहलू बजंतरियों के साथ रहता है और इनकी निगरानी में संगीत की धुनों का आकाश चलता है, लेकिन अपने नजराने

राजनीतिक अखाड़े में दूसरी राजधानी का भौगोलिक या राजनीतिक अर्थ जो भी निकाला जाए, लेकिन शिमला को बेहतर राजधानी बनाने का औचित्य स्वीकार करना होगा। हिमाचल की पूर्णता का एक विशाल चेहरा अगर शिमला है, तो इसकी विराटता का स्वरूप भी तय होना चाहिए। क्या शिमला का मौजूदा दौर अपनी गरिमा का एहसास है या

यह कई सौ फीसदी हकीकत है कि भाजपा को हिंदुओं की लामबंदी चाहिए और सपा-कांग्रेस, बसपा को मुसलमानों का फिक्र है। नतीजतन उत्तर प्रदेश में चौथे चरण के मतदान से पूर्व हिंदू, हिंदू और मुसलमान के जुमले सुनाई देने लगे हैं। इन नारों में कौन सा विकास छिपा है? मुलायम सिंह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से

भुट्टिको के उत्पादों को राष्ट्रीय हैंडलूम टैग का मिलना प्रदेश की हस्ती में भी इजाफे जैसा है। ये सहकारिता आंदोलन की हिमाचली बनावट के आदर्श हैं, जो राष्ट्रीय पहचान में शरीक हो रहे हैं। जाहिर तौर पर अब कुल्लू की शाल को प्रदर्शन का बड़ा नेटवर्क व बाजार मिलेगा और इस तरह पारंपरिक कला को

बसपा के संस्थापक नेता कांशीराम प्रेस, मीडिया को ‘मनुवादी’ मानते थे। उनकी दलील थी कि बसपा की सोच और बहसों को मीडिया तोड़-मरोड़ कर छापता है। उस दौर में बसपा प्रेस के किसी भी विमर्श में हिस्सा नहीं लेती थी और सोशल मीडिया तो तब था ही नहीं। अब बसपा में मायावती का दौर है।