हिमाचल फोरम

 देश की आजादी के बाद भले ही भारत वर्ष अन्य देशों की तर्ज पर विकास की दिशा में आगे बढ़ा हो, परंतु देश के युवाओं को आजादी के 69 वर्ष बाद अभी भी देश व प्रदेश की सरकारों से उनके विचारों के अनुसार सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। अभी भी देश का युवा अन्य देशों

इस वर्ष 15 अगस्त को देश जहां 72वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। देश अंग्रेजों की गुलामी से तो आजाद हो गया, लेकिन अभी भी देश राजनीतिक द्वेष, जातपात, भ्रष्टाचार, धर्म की जंजीरों में जकड़ा हुआ है। हिमाचल में युवाओं के लिए आजादी के क्या मायनें हैं। वे आजादी को किस प्रकार देखते हैं। इसे

आजादी किसे अच्छी नहीं लगती। हम सभी खुली हवा में मर्जी से रहना चाहते हैं। आज हम आजाद देश के नागरिक हैं। हमें मर्जी से रहने,खाने,पहनने का अधिकार है। बरस 1947 से पहले ऐसा नहीं था। कड़े  संघर्ष के बाद मिली आजादी के हमारे लिए क्या मायने हैं। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर दिव्य

आजादी किसे अच्छी नहीं लगती। हम सभी खुली हवा में मर्जी से रहना चाहते हैं। आज हम आजाद देश के नागरिक हैं। हमें मर्जी से रहने,खाने,पहनने का अधिकार है। बरस 1947 से पहले ऐसा नहीं था। कड़े संघर्ष के बाद मिली आजादी के हमारे लिए क्या मायने हैं। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर दिव्य

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को केंद्र सरकार ने एक साल पहले लागू किया तो दिवाली मनाई गई थी। इस दिवाली से कालाबाजारी करने वालों का दीवाला निकल गया, लेकिन व्यापारियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एक साल बाद आज भी जीएसटी बहुत से व्यापारियों के लिए अबूझ पहेली बना हुआ है।

देशभर में एक समान टैक्स लगाने, व्यापार में पारदर्शिता लाने, राजस्व बढ़ाने और कागजी कार्रवाई को समाप्त करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने बीते वर्ष पहली जुलाई , 2017 को जीएसटी लागू किया। इससे व्यापरियों को उम्मीद थी कि अब बेवजह के पचड़े में नहीं पड़ना पड़ेगा, लेकिन एक साल पूरा होने के बाद

देशभर में एक समान टैक्स लगाने, व्यापार में पारदर्शिता लाने, राजस्व बढ़ाने और कागजी कार्रवाई को समाप्त करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने बीते वर्ष एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया। इससे व्यापरियों को उम्मीद थी कि अब बेवजह के पचड़े में नहीं पड़ना पड़ेगा, लेकिन एक साल पूरा होने के बाद भी

देशभर में एक समान टैक्स लगाने, व्यापार में पारदर्शिता लाने, राजस्व बढ़ाने और कागजी कार्रवाई को समाप्त करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने बीते वर्ष एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया। इससे व्यापरियों को उम्मीद थी कि अब बेवजह के पचड़े में नहीं पड़ना पड़ेगा, लेकिन एक साल पूरा होने के बाद भी

देशभर में एक समान टैक्स लगाने, व्यापार में पारदर्शिता लाने, राजस्व बढ़ाने और कागजी कार्रवाई को समाप्त करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने बीते वर्ष एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया। इससे व्यापरियों को उम्मीद थी कि अब बेवजह के पचड़े में नहीं पड़ना पड़ेगा, लेकिन एक साल पूरा होने के बाद भी