विचार

( अमित पडियार (ई-मेल के मार्फत) ) इस साल शौर्य पदक देकर सम्मानित किए हुए सैनिकों की साहस कथाओं को ज्यादा लोगों तक प्रसारित करने का आवाहन प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में किया है। सैनिक किस तरह दुश्मन से लड़ते हैं, यह देश की जनता को पता रहना चाहिए। लोगों को क्रिकेटर, बालीवुड

( डा. बलदेव सिंह नेगी लेखक, एचपीयू में परियोजना अधिकारी हैं ) हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग से जो भी भर्तियां हों, अन्य राज्यों की भांति सौ प्रतिशत और हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग में भी कुछ भर्तियों के आलावा सभी से साक्षात्कार को हटाना होगा। यह प्रदेश के पढे़-लिखे और मेहनती युवाओं के साथ

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) भूले बैठे थे जड़ें, आई अचानक याद, राजकुंवर ने ध्यान से, सुन ली अब फरियाद। सिंहासन के मोल पर, बेच दिया ईमान, हया-शर्म है ताक पर, तब कैसे अपमान। जनता जाए भाड़ में, रहे पूडि़यां सेंक, नाक कटाकर हंस रहे, नेता यहां अनेक। अलख जगाने आ गए, जनसेवक

( चिर आंनद, नाहन, सिरमौर ) ‘कश्मीरियत को मिलती अभिनव पहचान’ शीर्षक से प्रकाशित डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री जी का लेख न केवल कश्मीरियों, बल्कि संपूर्ण भारत के लोगों की आंखे खोलने वाला है। लेखक ने बड़ी बारीकी से विश्लेषण किया है कि किस तरह से गिलानी-खुसरानी आदि बाहरी लोग घाटी के लोगों में भ्रम

( डा. राजेंद्र प्रसाद शर्मा, जयपुर (ई-पेपर के मार्फत) ) केंद्र सरकार ने किसानों को नोटबंदी के बाद कुछ राहत देते हुए बैंकों से लिए गए कृषि कर्ज के दो माह की ब्याज राशि माफ कर दी है। हालांकि सरकार की इस घोषणा के राजनीतिक मायने भी लगाए जा रहे हैं और यह भी कहा

डा. अश्विनी महाजन लेखक, दिल्ली विश्वविद्यालय के  पीजीडीएवी कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं गत वर्ष का बजट लगभग 20 लाख करोड़ रुपए का था। विमुद्रीकरण के बाद सफेद अर्थव्यवस्था को मिल रहे प्रोत्साहन के बाद कहा जा रहा है कि सरकारी राजस्व में खासी वृद्धि होगी। हालांकि चालू वर्ष में विमुद्रीकरण के कारण छोटे-बड़े उद्योगों

कर्म सिंह ठाकुर लेखक, सुंदरनगर, मंडी से हैं एक तरफ जहां किसान को कभी सही बीज न मिल पाता, वहीं मेहनत के दम पर किसान जो फसल तैयार करता है, बंदर उसे भी उजाड़ देते हैं। अंततः खामियाजा उस किसान को भुगतना पड़ता है, जो कि तीन-चार महीनों तक कड़कड़ाती ठंड में दिन-रात एक करके

भीगते मौसम में भागती जिंदगी का रिश्ता अगर हिमाचल की हकीकत है, तो बारिश के बीच सलामी लेते मंत्रियों की दिलेरी का चित्रण क्या साबित करता है। अपनी छवि के परिमार्जन में हिमाचली नेताओं का सोशल मीडिया में इस तरह का जिक्र फौजी पृष्ठभूमि के राज्य की गरिमा के विरुद्ध ही माना जाएगा। राष्ट्रीय पर्व

संसद का बजट सत्र 30 जनवरी से शुरू हो रहा है। पहले दिन आर्थिक समीक्षा को पेश करने के बाद पहली फरवरी को बजट प्रस्ताव सार्वजनिक किए जाएंगे। 2017-18 का बजट कैसा होगा, फोकस क्या रहेगा, लोकलुभावन घोषणाएं होंगी या नहीं, देश का वित्तीय घाटा कितना होगा, इन तमाम पहलुओं का सच बजट पेश करने