विचार

राम का जीवन आदर्श जीवन कहा जा सकता है। वाल्मीकि महाराज स्वयं अपनी राम कथा में बार-बार यह बताते रहते हैं। ऐसे श्री रामचंद्र जी हमारे पूर्वज थे। वे केवल हमारे ही पूर्वज नहीं थे, बल्कि उन्होंने अपने शासन काल में जो राज काज के मानदंड स्थापित किए, वे आज भी दुनिया भर के आदर्श कहे जा सकते हैं। अयोध्या में हजारों साल से हमारे पूर्वज श्री रामचंद्र जी का स्मृति स्थल बना हुआ था। वह स्मृति स्थल सारे देश को प्रे

हमने पहले भी लिखा है कि विपक्ष का गठबंधन टूटने के लिए बनता है। चूंकि विपक्ष की नियति टूटने की है, लिहाजा बार-बार गठबंधन करना पड़ता है। यह नियति हम जनता पार्टी के दौर से देखते आ रहे हैं। इस बार ‘इंडिया’ का प्रयोग कुछ भिन्न और व्यापक लग रहा था, लेकिन दो अलगाव ऐसे घोषित किए गए हैं कि विपक्षी गठबंधन की संभावनाएं प्रभावहीन लगती हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस और पंजाब में भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से घोषणाएं की हैं कि वे अकेले ही सभी सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। अलबत्ता उन्होंने ‘इंडिया’ का हिस्सा बने रहने की भी घोषणाएं की हैं। अपने प्रभाव क्षेत्रों के बाहर गठबंधन के मा

पूर्ण राज्यत्व की सौगंध खाते हुए आधी सदी गुजर गई, लेकिन हम घोषणा व संकल्प के बीच सीधा रास्ता नहीं चुन पाए। इसके ऐवज में हमारी लड़ाइयां बढ़ गईं तो अदालतें बढ़ा दी गईं। ग्रामीण आर्थिकी तहस-नहस हो गई, लेकिन पंचायत का चुनाव महंगा और छप्पर को छप्पर से लड़ाने की तस्वीर हो गया। जागरूक हिमाचलियों के तमगे ने सामूहिकता और सामुदायिक भावना के सारे छोर छीन लिए, अलबत्ता हमने नदी से किनारे, बावड़ी से जल स्रोत और कूहल से उसकी रफ्तार छीन ली। ऐसे में क्या रियासतों का हिमाचल बेहतर था जहां जनता खुद त्योहार

यह मजाक नहीं, अक्षरश: सत्य है कि मुझे मरने की भी फुरसत नहीं है। सुबह पोती को स्कूल छोडऩे घर से निकल रहा था, तभी यमदूत आ गए, बोले -‘‘चलिए नरक लोक में आपको याद फरमाया जा रहा है।’’ मैं बोला ‘देखिए, डेढ़-दो घण्टे बाद आना, मैं अपनी पोती को स्कूल छोड़ आऊं।’ बेचारे मान गए, चुपचाप चले गए। स्कूल से छोडक़र आया तो पत्नी ने थैला थमा दिया और बोली -‘‘जाओ बाजार से सब्जी ले आओ।’’ सब्जी लेने के लिए निकलने लगा और यमदूत फिर आ गए, मैंने कहा -‘‘कमाल कर दिया। मैंने डेढ़-दो घण्टे का नाम लिया और आप इसी दरम्यान आ गए। थोड़ी तो लिहाज

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 14 फरवरी से होगा और 29 फरवरी तक चलेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने मौजूदा कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगे। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री के आगामी वित्त वर्ष के बजट से प्रदेश के युवाओं, कर्मचारियों, पेंशन भोगियों के साथ-साथ समाज के प्रत्ये

भारतीय लोकतंत्र के इस महापर्व 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर हम सभी मिलकर मानव स्वतंत्रता, समानता, एकता, भाईचारे, सभी के लिए न्याय तथा अवसर जैसे सिद्धांतों पर चलने की शपथ लें और राष्ट्र की एकता एवं अखंडता को बनाए रखने के लिए तत्पर रहें। देश की सरहदों की रखवाली करने वाले वीर सैनिकों को हम याद करें...

भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रत्येक चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है। इसलिए हर एक व्यक्ति का वोट राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनता है।

दुनिया की सबसे बड़ी आबादी, 142 करोड़ से अधिक, वाला देश भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी, वीटोधारक सदस्य नहीं है, यह बहुत बेतुकी बात है। ऐसी टिप्पणी कई देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राजनयिक कर चुके हैं, लेकिन इस बार दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति एलन मस्क ने यह टिप्पणी की है, तो उसे गंभीरता से लिया गया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया इस पर महत्वपूर्ण टिप्पणियां कर रहा है और भारत की दावेदारी का पक्षधर है। एलन मस्क का सुरक्षा परिषद से कोई प्रत्यक्ष सरोकार नहीं है, लेकिन मस्क मौजूदा दुनिया के एक बेहद प्रभावशाली नागरिक हैं। संयुक्त राष्ट्र के गठन के क

अदालत से लौट आई कांगड़ा एयरपोर्ट की पैमाइश। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार की राहत एवं पुनर्वास प्रक्रिया के आश्वासन को अहमियत देते हुए हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को निरस्त किया है। अदालत ने एक तरह से संपूर्ण परियोजना के पक्ष से जुड़ी संभावनाओं को बरकरार रखा है। हिमाचल के विकास और भविष्य के लिए सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का असर केवल कांगड़ा एयरपोर्ट तक ही नहीं, बल्कि इसकी रोशनी