वैचारिक लेख

भानु धमीजा सीएमडी, दिव्य हिमाचल अमरीकी प्रणाली ने ट्रंप को केवल कई मनमाने कार्य करने से ही नहीं रोका, इसने रोजमर्रा उनसे उत्तर भी मांगा। वह 30 से अधिक विभिन्न जांचों का सामना कर रहे हैं, जिनकी निगरानी अदालतें या अमरीकी विधायिका कर रही है। रूस के साथ मिलीभगत के आरोपों की विशेष जांच, जिसे

उमा ठाकुर लेखिका शिमला से हैं आकाशवाणी शिमला, हमीरपुर, धर्मशाला केंद्र भी स्थानीय बोलियों के संरक्षण के लिए प्रयासरत हैं। पहाड़ी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए हिमाचल के साहित्यकार, कवि व लेखक पहाड़ी बोली में ज्यादा से ज्यादा लेखन कार्य कर विशेष योगदान दे सकते हैं। हिमाचली भाषा का

जब से सुना है कि कोरोना को हराने के लिए उसे मुफ्त वैक्सीन मिलेगी, उसके जीने का अंदाज बदल गया है। उसे लगता है जिस तरह अब तक रेवडि़यां बंटती रहीं, उसी तरह अब टीके लगेंगे। हालांकि आजादी के बाद हर रेवड़ी बाद में कड़वी निकली, लेकिन इस बार तो मुफ्त वैक्सीन भी मिठास घोल

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार यही कारण था जब दत्तोपंत ठेंगड़ी ने भारतीय मजदूर संघ की स्थापना करते समय सूत्र दिया कि श्रम को भी पूंजी मानो तो साम्यवाद के प्रशंसक और पूंजीवाद के हिमायती दोनों एक साथ होकर इसका विरोध करने लगे। लेकिन आज विश्व भर में इस विकल्प की चर्चा शुरू हो

इसी तरह स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्रीय एकता की जब भी बात होती है तो सरदार पटेल का नाम सबसे पहले ध्यान में आता है। यह उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति, नेतृत्व कौशल और अदम्य साहस का ही कमाल था कि 600 देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय हो सका। हालांकि अंग्रेज यह अच्छी तरह समझते

बिहार चुनाव में पहले चरण की वोटिंग होने के बाद अनुभवहीन और अनपढ़ माने जा रहे तेजस्वी यादव बड़ी कुशलता और चालाकी के साथ बेरोजगारी के मुद्दे को अहम बनाने में कामयाब हुए हैं। जंगलराज के युवराज, कई बेटियों के बाद बेटा आदि चुनावी प्रहारों से मुद्दा भटकता, पर मुंगेर गोली कांड के जनरल डायर

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार भाजपा का संगठन और टीम बढि़या तरीके से सामंजस्य के साथ काम कर रहे हैं। इस दल के नेता भी जनता से प्रभावकारी तरीके से संचार कर रहे हैं। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण लेते हैं। वह जब बिहार के किसी स्थान पर जनसभा को पहुंचते हैं तो

सुखदेव सिंह लेखक नूरपुर से हैं पुलिस नाममात्र रिपोर्ट दर्ज करके वाहन चालक के खिलाफ  कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करती है जिसका नतीजा है कि सरकारी संपत्ति नष्ट की जाती है। वाहन चालक भली-भांति जानते हैं कि सड़क हादसों में उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हो सकती, इसलिए वे लापरवाही से वाहनों को दौड़ाते जा

एक बार एक पड़ोसी महाशय मेरे पास हांफते हुए से आए और बोले-‘अमां यार, यह ‘करेला और वह भी नीम चढ़ा’ का क्या तात्पर्य है? कई दिनों से खामख्वाह इस बात को लेकर परेशान हूं। सोचा तुम तो घर के आदमी हो, तुम से ही पूछ लूं।’ ‘बस यही तो ‘करेला और नीम चढ़ा’ वाली