वैचारिक लेख

संक्षेप में नई शिक्षा नीति सिर्फ ज्ञान नहीं वरन् कौशल, रोजगार और आत्मनिर्भरता की परिकल्पना है। मातृभाषा में विद्यार्थी सरलता से ज्ञान अर्जित कर सकता है। भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षित होना छात्रों के शैक्षिक, सामाजिक और तकनीकी विकास के लिए बाधक नहीं होगा। आधारभूत विषयों और कौशलों का शिक्षाक्रमीय एकीकरण नई शिक्षा नीति

समिति भी हैरान थी कि उनके साधारण व उपेक्षित श्मशानघाट में साधारण व्यक्ति की लाश के साथ-साथ दूसरे कफन में लिपटे मृत नेता कैसे एक साथ पहुंच गए। आश्चर्य यह भी था कि साधारण व्यक्ति की लाश कंधों पर थी, लेकिन नेता की वीआईपी वैन में। लाश के पीछे आ रहे वीआईपी लोगों के काफिले

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार रपट में कहा गया कि अब तक राज्य सरकार ने अवैध तरीके से कब्जायी गई 27 लाख कनाल सरकारी भूमि में से 348160 कनाल भूमि के मालिक कब्जाधारियों को बना दिया है। सरकारी नियम के अनुसार इनसे भूमि की कीमत के तौर पर 317.54 करोड़ रुपया लिया जाना था।

डा. एचएल धीमान लेखक नगरोटा सूरियां से हैं पूरे प्रदेश में सिर्फ  पंचायतों को छोड़कर इस एक्ट के तहत बने ब्लॉक समिति सदस्यों और जिला परिषद सदस्यों की जिस तरह से फंडिंग काटकर उन्हें अशक्त किया गया है,  यह राजसत्ता की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है क्योंकि जिला परिषद प्रतिनिधि परंपरागत राजनीतिक सत्ता के लिए

नवरात्रों में कोरोनाकाल की जरूरी ऐहतियात के साथ पूरे देश में रामलीला तथा मंदिरों में देवी पूजा शुरू हो गई है। बिहार चुनाव में मूल मुद्दों से हटकर पाकिस्तान तथा आतंकवाद का आगमन हो चुका है तथा जैसे-जैसे चुनावी पारा बढ़ेगा, वैसे-वैसे बहस शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी से हटकर किसी नई आइटम तक पहुंच जाएगी

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार नीतीश कुमार कुर्मी नेता हैं, पिछड़े लालू के साथ हैं, चिराग पासवान अपनी जाति के साथ हैं। जीनत राम मांझी के पास जातीय टैग है तथा वह भाजपा से मिल गए हैं। वास्तविक लड़ाई भाजपा के लिए है जिसे जातिवाद के खिलाफ राष्ट्रवाद के लिए लड़ना है। उसे जातीय

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक धर्मशाला साई खेल छात्रावास की धाविका रिचा शर्मा ने राष्ट्रीय महिला खेलों की 200 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता है तथा हमीरपुर की रिशु ठाकुर ने 100 मीटर की दौड़ में चौथा स्थान प्राप्त किया था। हमीरपुर के विजय कुमार शर्मा ने पहली बार 1981 में कनिष्ठ राष्ट्रीय स्तर

मैं इकलौते पुत्र का पिता हूं। इस दृष्टि से मेरा और उसका महात्म्य है। उसके पास तीन मोबाइल फोन हैं। दो उसकी जेबों में भरे रहते हैं और एक गले में लटका रहता हैं। पता नहीं कब किस दिशा से कॉल या मैसेज आ जाए। हमेशा चौकस रहता है। मेरा मोबाइल कुमार एक जगह ज्यादा

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार किसी भी व्यक्ति से गलती हो सकती है और असफलता हाथ लग सकती है, लेकिन यदि हम उत्साही हों तो असफलता भी जीवन का पाठ बन जाती है। हम कितनी ही बढि़या योजना बना लें, चुनौतियां आ सकती हैं। ऐसे में हमारी कुशलता दो बातों से सिद्ध होती है। पहली, कि