वैचारिक लेख

योगेश कुमार गोयल स्वतंत्र लेखक न्यायमूर्ति बोबड़े इस साल उस वक्त ज्यादा चर्चा में आए थे, जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट की ही एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई  पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद उस अति संवेदनशील मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाउस पैनल का

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक सरकार ने हाल में कुछ छोटे सरकारी बैंकों का बड़े बैंकों में विलय किया है। साथ-साथ सरकार ने पिछले तीन वर्षों में सरकारी बैंकों की पूंजी में 250 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस निवेश के बावजूद समस्त सरकारी बैंकों के शेयरों की बाजार में कीमत, जिसे ‘मार्केट कैपिटलाइजेशन’

कविता सिसोदिया बिलासपुर भारत विश्व में चावल का दूसरा बड़ा उत्पादक देश है। यहां पर चावल उत्पादक राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, अांध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा, असम, पंजाब तथा हरियाणा हैं। परंतु पराली जलाने की समस्या हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में ही क्यों है? कृषि विशेषज्ञों के अनुसार

प्रो. मनोज डोगरा लेखक, हमीरपुर से हैं जंक फूड को कभी भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है, इन्हें सभी तरीकों से बेकार साबित कर दिया गया है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बेकार होते हैं और वे व्यक्ति जो नियमित रूप से इनका सेवन करते हैं, वे बहुत सी बीमारियों

अजय पाराशर लेखक, धर्मशाला से हैं अपने घर के लॉन में पंडित जॉन अली को परेशान घूमते देख जब मुझ से न रहा गया तो मैं उनके सामने जाकर खड़ा हो गया। वह मुझे देखते ही बोले, ‘अच्छा हुआ तुम आ गए। मेरा दिमाग तो सोच-सोच कर भारी हो गया है और पांव घूम-घूम कर।

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं हिमाचल प्रदेश के सुंदर पर्यटक शहर धर्मशाला में ‘राइजिंग हिमाचल’ के अंतर्गत ‘ग्लोबल इन्वेस्टर मीट’ के सफल आयोजन से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नया निवेश आने की दिशा में एक नई पहल की शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेशकों से कहा कि मैं मेहमान

नवेंदु उन्मेष स्वतंत्र लेखक झारखंड में कुर्सी रेस चल रही है। इस रेस में शामिल होने के लिए टिकट प्राप्त करना जरूरी है। बगैर टिकट प्राप्त किए कोई भी नेता या व्यक्ति रेस में शामिल नहीं हो सकता। टिकट किसी भी तरह मिले। कोई भी दल दे। कोई भी दल टूटे या फूटे इससे किसी

हेमांशु मिश्रा  स्वतंत्र लेखक हिमाचल प्रदेश के गठन के बाद से हिमाचल प्रदेश ने एक लंबी छलांग लगाई है, लेकिन बढ़ते जनसंख्या के दबाव और सीमित संसाधनों के चलते हिमाचल प्रदेश में अभी कई मंजिले तय करनी हैं। चुनौतियां भी है संभावनाएं है।  हिमाचल लंबे कदम धीरे-धीरे मजबूती से बढ़ा रहा है। विकास की सतत

डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री देश में आर्थिक सुस्ती तेजी से बढ़ी है और सरकार आर्थिक मोर्चे पर जारी सुस्ती को दूर करने में कुछ ही सफल रही है। गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों का संकट जल्द नहीं सुलझेगा। वैश्विक व्यापार विवाद के बीच सरकारी खर्च में कमी और उपभोक्ता मांग प्रभावित होने से देश की आर्थिक