वैचारिक लेख

नवेंदु उन्मेष स्वतंत्र लेखक चुनाव आयोग ने झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा करते हुए पांच चरणों में चुनाव कराए जाने की बातें कहीं थीं। हालांकि कई राजनीतिक दल चाहते थे कि चुनाव एक दो चरण में कराए जाने चाहिए। तब चुनाव आयोग ने पहली बार स्वीकारा था कि राज्य में नक्सली गतिविधियां जारी हैं

अजय पाराशर लेखक, धर्मशाला से हैं हमारे रीढ़विहीन समाज में किसी व्यक्ति का अपने मूल्यों के प्रति ऐसा समर्पण कुछ ऐसे ही अन्य लोगों को सामाजिक तूफानों के मध्य प्रकाश स्तंभ की मानिंद सदा प्रेरणा देता रहता है। जहां तक ब्यूरोक्रेसी का सबंध है तो जिस समाज में आज भी राजा या महाराजा जैसी उपाधियां

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार जाहिर है मुस्लिम अंडरवर्ल्ड को हिंदू के उत्तर भारतीय होने सा दक्षिण भारतीय होने से कोई मतलब नहीं था। उस कालखंड में शिव सेना ने अपने चिंतन व दृष्टि का विस्तार करना शुरू किया व संगठित मुस्लिम गुंडागर्दी का दबाव देना शुरू किया। इस प्रकार शिवसेना ने अपने कार्यक्षेत्र

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं एड्स एक जानलेवा बीमारी है जो एचआईवी संक्रमण के कारण मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है। एचआईवी के मामलों में वृद्धि को देखते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य देश में एचआईवी एवं एड्स की रोकथाम

प्रो. मनोज डोगरा लेखक, हमीरपुर से हैं सोशल मीडिया से हमारी युवा पीढ़ी शायद हासिल तो कुछ नहीं कर पा रही है अपितु इसके दुष्प्रभावों से ग्रस्त अवश्य हो रही है। यही कारण है कि आए दिन ऐसी अजीब घटनाएं सुनने के लिए मिल रही हैं जिनके बारे में कोई आम व्यक्ति सोच भी नहीं

कर्नल मनीष धीमान स्वतंत्र लेखक पिछले कल यानी 29 नवंबर से भारतीय सेना द्वारा थार मरुस्थल में युद्ध अभ्यास सिंधु सुदर्शन-2, की शुरूआत की गई। इस अभ्यास के दौरान सेना की दुश्मन की सरहद के अंदर जाकर हमला बोलने की क्षमता को जांचा जाएगा, इस अभ्यास को वायु एवं थल सेना मिलकर अंजाम देंगी। अभ्यास

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार राष्ट्र अब बौद्धिक संपदा को विकसित करने के लिए चेतना विकसित कर रहे हैं जो आर्थिक विकास और वैज्ञानिक सफलता का स्रोत है। इसलिए उच्च शिक्षा एक देश को आगे बढ़ाने के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है। दुर्भाग्य से हम इस स्तर पर विकसित राष्ट्रों से पीछे हैं और प्रगति

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश में रह कर प्रशिक्षण प्राप्त कर राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करना बहुत कठिन है। यही कारण है कि राज्य में अच्छा प्रशिक्षण कार्यक्रम न होने के कारण प्रतिभाशाली खिलाड़ी अधिकतर हिमाचल से पलायन कर जाते हैं। कनिष्ठ स्तर पर प्रतिभा खोज के बाद खिलाडि़यों के लिए स्कूली

पूरन सरमा स्वतंत्र लेखक वे महान थे। वे किसी से न ईर्ष्या रखते थे न द्वेष। ईश्वर की तरह व्यवहार करते थे। मानवता उनमें कूट-कूट कर भरी हुई थी। किसी भी दुखियारे को देखते और करुणा से उनका मन पसीज उठता। महान वे इसलिए भी थे, क्योंकि वे स्वयं को साहित्यकार भी मानते थे। करेला