विचार

अभी भी समय है कि सरकार को चाहिए कि इन खेल मैदानों का रखरखाव ठीक ढंग से करवाए, ताकि हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ी इन सुविधाओं का लंबे समय तक लाभ उठा सकें...

इस बार जो लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है, उम्मीद है कि मतदाता इस चुनाव में समझदारी से अपने कीमती मत का प्रयोग करेंगे। उम्मीद यह भी है कि शत प्रतिशत मतदाता चुनाव में भाग लेंगे। मुफ्तखोरी, लोभ-लालच, धर्म-जाति की भावनाओं से बचेंगे। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र दिन प्रतिदिन कुछ स्वार्थी लोगों के कारण नेतातंत्र बनता जा रहा है। स्वार्थ के इस

मेहता साहब सवेरे-सवेरे ही आए और बोले ‘‘माफ करना शर्मा, मैंने तुमसे कल भला-बुरा कहा।’’ मैं आश्चर्य के साथ बोला, ‘‘क्या बात कर रहे हैं मेहता साहब, आपने मुझे कभी भला-बुरा नहीं कहा।’’ ‘‘तुम्हें याद नहीं है शर्मा, तुम भूल जाते हो। मंैने कल तुमसे बदतमीजी की थी। इसलिए भाई माफी मांगता हूं।’’ ‘‘चलो आपने भला-बुरा कहा भी होगा, लेकिन आप बड़े हैं, क्या हुआ अगर कह दिया तो। आप और मुझसे माफी मांगेंगे। ऐसा नहीं हो सकता।’’ मैंने कहा तो मेहता जी बोले, ‘‘अरे भाई हो रहा है। संसद में ही देख लो, पह

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रपट में भारत में हेपेटाइटिस की चुनौतियों और खतरों का उल्लेख है। लिवर से जुड़ी यह बीमारी घातक भी साबित हो सकती है और बाद में कैंसर का रूप भी धारण कर सकती है। हेपेटाइटिस बी और सी को लेकर भारत में जागृति बहुत कम है, क्योंकि इनके लक्षण ही पेचीदा हैं। चूंकि यह भी वायरल संक्रमण की बीमारी है, लिहाजा डॉक्टर भी लक्षणों का अध्ययन करते समय गलत निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं। भारत में हेपेटाइटिस बी के करीब 3 करोड़ संक्रमित मरीज हैं, जबकि हेपेटाइटिस सी के 50 लाख से अधिक लोग बीमार हैं। लिवर की सूजन और संक्रमण के साथ इन बीमारियों का बोझ उठाने वाला भारत

पर्यटक सीजन में हिमाचली मेले एक बड़ी संभावना का आयोजन देख रहे हैं, लेकिन इस क्षमता को प्रदेश की आर्थिकी से जोड़ा ही नहीं गया। इसी तरह धार्मिक स्थलों की कमाई और आयोजनों को भविष्य की आर्थिकी नहीं माना गया। सुक्खू सरकार अगर व्यवस्था परिवर्तन

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड को ‘वैध’ और ‘न्यायसंगत’ करार दिया है। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) को अदालत ने तब करारा झटका दिया, जब उसने शराब नीति और कथित घोटाले में दोनों की संलिप्तता भी मानी। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साक्ष्यों और दस्तावेजों के सौजन्य से कहा कि केजरीवाल साजिश में शामिल थे। उन्होंने ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर घूस भी मांगी थी। रिश्वत का पैसा गोवा चुनाव में खर्च किया गया। उसकी मनी टे्रल भी स्पष्ट है। कानून की दृष्टि से मुख्यमंत्री को कोई विशेषाधिकार नहीं है कि उनकी गिरफ्तारी चुनाव के समय

आज हममें से बहुत से लोग वास्तव में आध्यात्मिक होने के बजाय केवल आध्यात्मिक दिखने की परवाह करते हैं। निश्चित रूप से, एक फैंसी, आध्यात्मिक सोशल मीडिया पोस्ट लिखना आसान है, लेकिन वास्तव में उस उद्धरण पर खरा उतरना, उसे जीवन में उतारना, अपने व्यवहार में लाना कठिन हो सकता है। हमारे जीवन की असली सफलता इसी में है कि हम प्रेम का पाठ पढ़ लें, प्रेम के अढ़ाई अक्षरों को जीवन में उतार लें। यह एक मानसिक यात्रा है, यह मन के विचारों के बदलाव की यात्रा है, यह एक आंतरिक परिवर्तन है और इसके लिए कोई और दिखावा, या किसी और परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है...

बोए पेड़ बबूल के तो आम कहां से होए। रहीम जी का एक दोहा रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे मोती मानुष चून। इस दोहे के अलग अलग अनुवाद किए जा सकते हैं, लेकिन इसमें भी कोई दोराय नहीं है कि पानी बिन प्राणी जाति का कोई अस्तित्व नहीं है। अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग सार्वजनिक स्थानों के रेलवे स्टेशन-बस स्टैंड के और अपने कार्यस्थल पर नल का प्रयोग करके इन्हें

जमाना बेवफाओं के वफादार घोषित हो जाने का है। जिन लोगों ने दिन-दहाड़े आपके सपने चुरा कर उन्हें दु:स्वप्न बना दिया, वही अब सपनों का एक नया बायस्कोप बना कर निकले हैं, आपके गांव-गांव, गली-गली, अन्धभक्ति का कोई श्रद्धा गीत गाते हुए। मंशा अपने वोटों की सहायता से महानुभावों को फिर उसी कुर्सी पर बिठा देने की है, जो कभी पहले सिंहासन थी, आजकल जनसेवा का स्टूल कहलाती है। हमारी गलियों में जब बिजली कट अपनी तेजी दिखाते हैं, पावर कट अपना जुल्म दिखाते हैं, तो अपनी विजय घोषणाओं में सेंध लगती देख कर चौकीदार बने चोर अब ‘जागते रहो’ चिल्लाते हैं। भई, दल बदलुओं का जमाना है, कब कोई सेंध