संजय शर्मा, लेखक शिमला से हैं

पर्यटकों को सही व सटीक जानकारी देने के लिए पर्यटन निगम द्वारा अपनी वेबसाईट पर, बड़े-बड़े होर्डिंग के माध्यम से व सूचना-केन्द्रों के माध्यम से जानकारी प्रदान की जानी चाहिए। जहां पर्यटक प्रशासन से उचित व्यवस्थाओं की उम्मीद रखते हंै, वहीं उनका भी नैतिक कत्र्तव्य बन जाता है कि वे स्थानीय प्रशासन द्वारा उनके लिए

उद्यमी का खून चूस कर सरकार को अपनी आय नहीं बढ़ानी है, बल्कि उसके साथ खड़े होकर प्राप्त लाभ का उचित अंश टैक्स के रूप में सरकार के कोष में जाना चाहिए… ‘‘भारतीय उद्योग परिसंघ’’ (सीआईआई) ने इस बार अपने वार्षिक अधिवेशन में दिनांक 7 मार्च को शिमला में मुख्यमंत्री को अध्यक्षता का न्योता दिया।

लगभग 40,000 लोगों को इन में रोजग़ार के अवसर मिलने की संभावना है। प्रदेश के युवाओं को अपने ही राज्य में पहली बार इतना बड़ा अवसर रोजग़ार प्राप्त करने का मिलेगा। 100 करोड़ रुपया ‘‘चिकित्सा उपकरण पार्क’’ व 1000 करोड़ रुपया ‘‘बल्क ड्रग पार्क’’ को विकसित करने के लिए अनुदान के रूप में केन्द्र सरकार

जब तक ‘‘ग्रांफू-लोसर मार्ग’’ कुछ हद तक वाहन चलने योग्य नहीं हो जाता, तब तक इस मार्ग को आवाजाही के लिए बंद कर देना चाहिए तथा कुंजम दर्रे से नीचे ‘‘चंद्रताल’’ तक ही ‘‘किन्नौर-काज़ा मार्ग’’ से जाने की अनुमति हो… हाल ही में मुझे जि़ला किन्नौर के रिकांगपिओ, पूह और जि़ला लाहौल-स्पीति में काज़ा जाने

आज हिमाचल में निवेश हेतु अच्छा वातावरण उपलब्ध है। 3500 एकड़ से भी अधिक का लैंड बैंक उद्यमों के लिए तैयार है तथा प्रदेश उभरते हुए ‘‘निर्यात हब’’ के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। ‘‘अमृतसर-कोलकाता गलियारा’’ परियोजना में बीबीएन नोड विकसित करने की स्वीकृति ‘‘ राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम’’ द्वारा प्रदान कर

कुल मिलाकर, हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य के लिए यह एक गर्व की बात कही जा सकती है। ‘‘हिमाचल प्रदेश भूमि मुजारा व सुधार कानून’’ की धारा 118, पहाड़ी प्रदेश होने से निर्बाध कनेक्टेविटी की समस्या आदि बातें औद्योगिकरण के रास्ते में थोड़ी बाधा बन रही हैं, परंतु यदि सकारात्मक प्रयास जारी रहे तो वह दिन

जिला ऊना में मैहतपुर, टाहलीवाल, गगरेट, अंब, जीतपुर बेहड़ी, बसाल, पंडोगा के रूप में 7 विकसित औद्योगिक क्षेत्र हैं व 12 औद्योगिक क्षेत्र लगभग 2000 एकड़ भूमि पर विकसित किए जा रहे हैं/प्रस्तावित हैं। प्रदेश के औद्योगिक विकास में नया आयाम जुड़ेगा… जैसा कि हम जानते हैं कि ‘‘राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम’’ का मुख्य

इस पार्क की स्थापना से 5000 करोड़ के निवेश के साथ लगभग 10,000 लोगों को रोज़गार मिलेगा। हिमाचल के पक्ष में इस पार्क की घोषणा होने के कई मायने हैं। यह प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है, जहां बड़े भूखंडों की कमी रहती है। उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु व मध्यप्रदेश मैदानी राज्यों की श्रेणी में आते हैं

रामचरितमानस में इन चरित्रों के माध्यम से संपूर्ण प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हो जाते हैं… तुलसीदास प्रकृत्या एक क्रांतदर्शी कवि थे, इस युग दृष्टा ने कालजयी रचना ‘‘रामचरितमानस’’ में अपनी लोक व्यापिनी बुद्धि से व्यापक सहृदयता के साथ काव्य के सभी रसों के सूक्ष्मतम स्वरूपांे को उकेरा है। रामचरितमानस अब तक या यूं कहें कि

विकसित देशों के उद्यमियों की भांति ईमानदारी से अपना उद्यम चलाने की भावना अभी तक उनके भीतर पूरी तरह से नहीं उतर पाई है। कहीं-कहीं यह तर्क भी दिया जाता है कि ईमानदारी से कार्य करने पर आप अपने उद्यम में लाभ नहीं कमा सकते। इन्हीं सब तथ्यहीन तर्कों का परिणाम है कि सरकार के