संजय शर्मा, लेखक शिमला से हैं

प्राकृतिक गैस पाइप लाइन की उपलब्धता बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र व कुछ अन्य औद्योगिक क्लस्टर्स में उपलब्ध है। बड़े उद्योगों को आकर्षित करने के लिए उनकी आवश्यकता व पसंद के आधार पर ‘‘कस्टमाइज्ड पैकेज’’ की घोषणा भी सरकार द्वारा की गई है। इसके अतिरिक्त राज्य ‘‘एक पावर सरप्लस’’ राज्य के रूप में अपनी पहचान बना चुका

शटडाउन के कारण जब घरों, दफ्तरों व कारखानों में बिजली नहीं होती तो जीवन मानों थम सा जाता है… मानव विकास की इस लंबी यात्रा में शाबाशी, पुरस्कार व विश्व के सभी सम्मानों के असली हकदार वास्तव में वे असंख्य ज्ञात व अज्ञात वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, तकनीशियन, वास्तुकार हैं, जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से इस

यदि सरकारी एजेंसियों और ख़ासकर बैंकों का रवैया इनके प्रति सहयोगपूर्ण रहे तो निश्चय ही ये अपने उद्देश्य की पूर्ति में सफल हो सकते हैं, अन्यथा हतोत्साहित होकर कई बार असामाजिक कृत्यों की ओर भी अग्रसर हो जाते हैं। हाल ही में दिनांक 21.02.2022 को हरियाणा के पंचकूला में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय

भारत में नियामक भार कम करने की प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरणों में है, परंतु संतोष की बात यह है कि आखिरकार प्रक्रिया शुरू तो हुई। हिमाचल में इस विषय को सरकार द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है। लगभग 44 विभाग इस कार्य में लगे हैं। शीर्ष स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक

जिस प्रकार व्यापार में सुगमता कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि उद्यमी को स्वीकृतियां देने में मानवीय दखल लगभग नगण्य हो व विभाग अथवा अधिकारियों की विवेकाधीन स्वतंत्रता लगभग समाप्त कर दी गई है, सारी प्रक्रियाएं समयबद्ध कर दी गई हैं और यदि समय सीमा की उल्लंघना होती है तो स्वत:

बापू! आज आप पढ़ने लिखने वालों के बीच, कलाकारों के बीच आप मात्र एक ‘‘वैचारिक ख़ुराक’’ बन कर रह गए हैं। आपके लिए ईश्वर, सत्य व अहिंसा एक ही थे। आपका विश्वास था कि जो व्यक्ति सत्य पर टिका है वह निश्चय ही अहिंसक होगा। परंतु आज उसी व्यक्ति की ‘‘पूछ’’ है जो सिर से

प्रदेश 60 से अधिक देशों को प्रतिवर्ष लगभग 10000 करोड़ रुपए का निर्यात करता है, जो कि एक उपलब्धि है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में वर्ष 2014-15 से सारे देश में व्यापार में सुगमता लाने का दौर शुरू हुआ। इस क्षेत्र में भी प्रदेश की प्रगति सराहनीय रही है। प्रारंभ में प्रदेश 17वें स्थान पर

जिला स्तरीय सेवाओं के अतिरिक्त केंद्र सरकार ने यह भी शर्त रखी है कि उद्यमी को पहले से ली गई अनुमतियों को बार-बार पुनर्नवीनीकरण की असुविधा से छुटकारा दिलाया जाए, इस प्रणाली को एक हद तक कम से कम मुश्किल, पारदर्शी, ऑनलाइन तथा जहां तक हो सके नाममात्र की ऑनलाइन फीस लेकर ‘डीम्ड’  (स्वतः) कर

संजय शर्मा लेखक शिमला से हैं अन्य बचे क्षेत्रों में भी अनुकूल स्थिति बनाने के प्रयास गंभीरता से जारी हैं, जैसे राज्य सरकार शून्य तरल रिसाव (जीरो लिक्विड डिस्चार्ज) वाला पांच एमएलडी का सीईटीपी स्थापित करने जा रही है। सीआरआई कसौली, हिमालयन जैव संपदा तकनीक संस्थान पालमपुर तथा लगभग 30 जैव तकनीक व फार्मा महाविद्यालयों

संजय शर्मा लेखक शिमला से हैं 17 जून 2020 को जारी पत्र के अनुसार ‘कोविड-19’ के दृष्टिगत भारत के वित्त मंत्रालय द्वारा राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद के मूल्य  के आधार पर अतिरिक्त दो फीसदी उधार लेने की अनुमति प्रदान की गई है। सामान्य परिस्थितियों में यह सीमा तीन फीसदी रहती है, जिसे ‘कोविड-