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भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक जब प्रदेश की संतानें सीता व दीपक होकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा कर भारतीय टीम का मुख्य अंग बन सकती हैं, तो फिर हिमाचल के प्रशिक्षकों को चाहिए कि वे राज्य में ऐसा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए, जिससे हिमाचल के खिलाडि़यों को राज्य से बाहर पलायन न

पीके खुराना वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार सत्ता में आने पर नेताओं के लिए अपने वादों को भूल जाना इसलिए आसान है, क्योंकि जनता भी तालियां बजाने के बाद सब कुछ भूल जाती है। भीड़ की शक्ति होती है, चुनाव के बाद भीड़ बिखर जाती है और लोग अकेले रह जाते हैं। भीड़ के भाड़ में तो

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं यह समय की मांग है कि कृषि विभाग अपनी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार करे, प्रदर्शनियां लगाए और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों एवं सभी महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए एक दिवसीय कार्यशालाओं का आयोजन करे, जहां कृषि एवं बागबानी विभाग के वैज्ञानिक तथा विषयवाद विशेषज्ञ कृषि एवं बागबानी

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक   मनोविज्ञान में मनुष्य की चेतना के दो स्तर- चेतन एवं अचेतन बताए गए हैं। मनोविज्ञान के अनुसार यदि चेतन और अचेतन में सामंजस्य होता है, तो व्यक्ति सुखी होता है। उसे रोग इत्यादि कम पकड़ते हैं, लेकिन अर्थशास्त्र में चेतन एवं अचेतन का कोई विचार समाहित नहीं किया गया

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार देश के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ है कि विधानसभा के दस सदस्य उच्चतम न्यायालय में जाकर फरियाद लगा रहे हैं कि उनका त्यागपत्र स्वीकार किया जाए। उधर विधानसभा के अध्यक्ष हैं कि जब सदस्य त्यागपत्र देने उनके कार्यालय में जाते हैं, तो वह हड़बड़ी में भाग लेते

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार जवाहर लाल नेहरू का लोकतांत्रिक भारत के नेता के रूप में आरोहण भारत में एक महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम था। यह इसलिए कि मोती लाल नेहरू के बाद जवाहर लाल ने उस वंश परंपरा की नींव रखी जिसने कांग्रेस पार्टी को नेतृत्व उपलब्ध करवाया। हालांकि थोड़े-थोड़े अंतराल के लिए नरसिम्हा राव, देवेगौड़ा

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक अब हिमाचल का युवा सेवाएं एवं खेल विभाग उसे प्रशिक्षक बना रहा है, जो जिला स्तर तक खेला है और 42 दिनों की ट्रेनिंग किए हुए है, मगर वह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जो एक वर्ष की ट्रेनिंग किए हुए है, उसे छोड़ रहा है। हिमाचल में युवा सेवाएं एवं

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार   हमारे देश में अभी तक आम लोग यह नहीं समझ पाए हैं कि सरकार का काम रोजगार देना नहीं है, बल्कि उसका काम यह है कि वह ऐसी नीतियां बनाए, जिससे व्यापार और उद्यम फल-फूल सकें और रोजगार के नए-नए अवसर पैदा होते रहें। इस नासमझी का ही परिणाम है

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक   वित्त मंत्री को चाहिए था कि देश में बढ़ते जल संकट को देखते हुए रिचार्ज वेल, जिसमें बरसात के पानी को सीधे भूगर्भीय जलाशयों में डाला जाता है, उसके लिए विशाल रकम उपलब्ध कराती। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि देश में एक करोड़