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कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान   पूरे देश में जल भरण क्षेत्रों और जल निकास क्षेत्रों का सर्वेक्षण होना चाहिए, ताकि भू-जल भरण का काम कहां करना है, इस बात का पता रहे। वैश्विक तापमान वृद्धि के चलते जलवायु परिवर्तन का खतरा बढ़ रहा है। ग्लेशियर पिघलने की दर बढ़ रही है, इसलिए जल

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार   गांधी परिवार के अंदर का यह विवाद क्या है या फिर हो सकता है? वैसे तो इस झगड़े का धुंआ शुरू से ही उठ रहा था। विवाद शुरू से ही था कि विरासत कौन संभालेगा? राहुल गांधी या फिर प्रियंका गांधी? जब प्रियंका की शादी हो गई, तो

बीरबल शर्मा लेखक, मंडी से हैं   लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली, सड़कों की दुर्दशा, पानी की निकासी, खतरनाक जगहों पर क्रैश बैरियर नहीं हैं। आधुनिक बीम रेलिंग भी ऐसी-ऐसी जगहों पर लगी है, जहां पर इसकी जरूरत कम है, मगर जहां होनी चाहिए, वहां पर नहीं है। अधिकारी कार्यालयों का मोह छोड़ कर फील्ड

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले घोषणा की थी कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वह प्रत्येक किसान को 72000 रुपए सालाना देंगे। यह उस गरीब किसान की भावना को पकड़ने की अच्छी सोच है, जिसे ऋण और वंचना की बदतर

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक आज प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाली प्ले फील्ड बनकर तैयार हैं, मगर प्रदेश में खेल वातावरण के अभाव में खेल का यह स्तरीय ढांचा आज लावारिस बन गया है। धर्मशाला, हमीरपुर तथा बिलासपुर में आज तीन सिथेंटिक ट्रैक हैं, मगर

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार जब समस्याएं नई हों, तो समाधान भी नए होने चाहिएं, पुराने विचारों से चिपके रहकर हम नई समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते। दुनिया बदल गई है और हर पल बदल रही है। इसके लिए हमें नए विचारों का स्वागत करना होगा। समस्याओं का हल नए सिरे से खोजना होगा और

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ करवाने के लिए बहुत जोर लगा रहे हैं। सरकारी एजेंसियां एक मजबूत प्रधानमंत्री की सार्वजनिक रूप से व्यक्त की गई इच्छा पूरी करने के लिए एक-दूसरे से होड़ में हैं। परंतु लोग इस विचार के दीर्घकालिक लाभों और हानियों को न तो

कंचन शर्मा लेखिका शिमला से हैं हैरत यह भी है कि हिमाचल में सड़कों के जो खस्ताहाल हैं, उनके बारे में कोई नीति, दिशा-निर्देश या सख्ती की बात नहीं हो रही, जबकि अन्य कारणों के साथ बस दुर्घटनाओं के लिए खराब, बेतरतीब व बिना पैरापिट की सड़कें भी समान रूप से जिम्मेदार हैं। कितनी ही

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक   जीएसटी की प्राप्तियां वर्तमान में 12 लाख करोड़ रुपए प्रतिवर्ष हैं। सुझाव है कि इन पर 50 प्रतिशत का सेस लगाया जा सकता है। बताते चलें कि जीएसटी पर लगाए गए सेस से प्राप्ति पूर्णतया केंद्र सरकार को जाती है, जबकि जीएसटी स्वयं की प्राप्ति केंद्र और राज्य सरकार