ब्लॉग

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार सरकार को नागरिकता जैसी पेचीदा योजनाओं से बाहर आना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हाल के कुछ सर्वेक्षणों के अनुसार भारत अभी भी सबसे बड़ा संभावित निवेश गंतव्य है, लेकिन वित्त मंत्री को विदेशी पूंजी को आकर्षक बनाने के लिए साहसिक और अपारंपरिक फैसले लेने से पीछे नहीं

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक जीत राम शर्मा शिमला जिला के  चौपाल उपमंडल के दूरदराज गांव पुरों डाक घर सरैन के निवासी हैं। अपनी प्रारंभिक शिक्षा चौपाल से प्राप्त करने के बाद 1987 में हिमाचल प्रदेश सचिवालय में नौकरी शुरू की और आज सचिवालय के प्रशासनिक विभाग में कल्याण अधिकारी खेल के पद पर सेवाएं

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार विधानसभा के चुनाव और देश व दिल्ली की भावी राजनीति इतनी बड़ी खबरें हैं कि लगता है देश भर की सारी समस्याएं खत्म हो गई हैं, सारे मुद्दे अप्रासंगिक हो गए हैं। राजनीतिज्ञों को तो जनता को अंट-शंट बातों से मुद्दे भुलाकर फुसलाने की आदत थी ही, अब मीडिया भी इस

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास और पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंचाने के लिए क्रमशः मात्र 8 हजार करोड़ रुपए और 6 हजार करोड़ रुपए की रकम आबंटित की गई है। इसकी तुलना में बुनियादी संरचना जैसे सड़क और एयरपोर्ट के लिए 103 लाख करोड़ रुपए की रकम आवंटित की गई है। यह जो

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार पूर्वी बंगाल के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और उन्हें बलपूर्वक मतांतरित किए जाने से पाकिस्तान के विधि मंत्री जोगेंद्र नाथ मंडल भी सकते में आ गए थे। वे बार-बार प्रधानमंत्री से इसे रुकवाने के लिए कह रहे थे, लेकिन स्थिति यह हो गई कि उन्हें अपने प्राण बचाने

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक 11 सितंबर 1971 को हमीरपुर जिला के  ककड़ क्षेत्र के गांव पुरली में पिता स्वर्गीय रुलिया राम शर्मा व माता शकुंतला देवी शर्मा के घर जन्मे वीरेंद्र शर्मा का पालन-पोषण व शिक्षा दिल्ली में ही हुई। उनका परिवार, पिता की नौकरी व कारोबार दिल्ली में होने के कारण यहीं दिल्ली

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार नागरिकता का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि यह जन्म या उपार्जन पर आधारित है। उन लोगों की मदद के लिए धर्म को कानून में लाया गया था जो अन्य देशों में अपने अलग-अलग धर्म के कारण प्रताडि़त थे। इनमें हिंदू और अन्य गैर मुस्लिम शामिल हैं जो

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार नायडू ने बाकायदा एक पूरा विभाग खड़ा किया था जिसका काम जनता की शिकायतें नोट करना और उन्हें दूर करना था, लेकिन हर विभाग की तरह यह विभाग भी असल में कागजी कार्रवाई में लिप्त रहा और मुख्यमंत्री को झूठी रिपोर्ट देकर खुश करता रहा।  चंद्रबाबू नायडू ने अगर एक सबक

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक बीते समय में वित्त मंत्री ने कारपोरेट टैक्स की दरों को 29-30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया। अब बड़ी कंपनियों द्वारा देश में अर्जित किए गए मुनाफे में से टैक्स कम देना होगा। तदोनुसार उनके हाथ में अर्जित आय का अब 75 प्रतिशत हिस्सा बचा रहेगा जो कि पूर्व