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भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक 11 सितंबर 1971 को हमीरपुर जिला के  ककड़ क्षेत्र के गांव पुरली में पिता स्वर्गीय रुलिया राम शर्मा व माता शकुंतला देवी शर्मा के घर जन्मे वीरेंद्र शर्मा का पालन-पोषण व शिक्षा दिल्ली में ही हुई। उनका परिवार, पिता की नौकरी व कारोबार दिल्ली में होने के कारण यहीं दिल्ली

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार नागरिकता का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि यह जन्म या उपार्जन पर आधारित है। उन लोगों की मदद के लिए धर्म को कानून में लाया गया था जो अन्य देशों में अपने अलग-अलग धर्म के कारण प्रताडि़त थे। इनमें हिंदू और अन्य गैर मुस्लिम शामिल हैं जो

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार नायडू ने बाकायदा एक पूरा विभाग खड़ा किया था जिसका काम जनता की शिकायतें नोट करना और उन्हें दूर करना था, लेकिन हर विभाग की तरह यह विभाग भी असल में कागजी कार्रवाई में लिप्त रहा और मुख्यमंत्री को झूठी रिपोर्ट देकर खुश करता रहा।  चंद्रबाबू नायडू ने अगर एक सबक

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक बीते समय में वित्त मंत्री ने कारपोरेट टैक्स की दरों को 29-30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया। अब बड़ी कंपनियों द्वारा देश में अर्जित किए गए मुनाफे में से टैक्स कम देना होगा। तदोनुसार उनके हाथ में अर्जित आय का अब 75 प्रतिशत हिस्सा बचा रहेगा जो कि पूर्व

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं प्रदेश में अपना वेतन आयोग न होने के कारण प्रदेश के कर्मचारियों को पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने का इंतजार करना पड़ता है और इस बार उनका यह इंतजार कुछ ज्यादा ही लंबा हो गया है, क्योंकि पंजाब सरकार ने राज्य वेतन आयोग का कार्यकाल

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार सोनिया कांग्रेस और कम्युनिस्ट इस बम विस्फोट की सामूहिक जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे या नहीं फिलहाल नहीं कहा जा सकता, लेकिन ओवैसी बंधुओं ने एक नई बहस छेड़ दी है। उनका कहना था कि हम मुसलमानों ने भारतीयों पर आठ सौ साल राज किया है। हम मुगलों ने तुम्हें दौड़ा-दौड़ा

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक राकेश चंद कपिल का जन्म हमीरपुर जिला में भोरंज उपमंडल के बैरी गांव में पिता महंत राम कपिल व माता अजुध्या देवी के घर 12 दिसंबर 1951 को हुआ। पांच बहन-भाइयों में सबसे बडे़ राकेश ने प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय भरेड़ी स्कूल से पास कर राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर से 1973 में

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार इस बात की प्रबल संभावना है कि संसदीय चुनावों में प्रदर्शन को देखते हुए सभी को यह उम्मीद थी कि भाजपा के पास जीत का कार्ड है, लेकिन केजरीवाल द्वारा मतदाताओं को सुविधाओं के कार्ड बांटने से और मुफ्त वितरण ने स्थिति बदल दी है। उनके पक्ष में दो

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार एक तरफ महंगाई का तांडव है, दूसरी तरफ  मांगों का सिलसिला। लोग तनाव में जी रहे हैं और इसका दुष्प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। तनावग्रस्त व्यक्ति खुद पर काबू नहीं रख पाता और किसी ऐसी जगह या ऐसे समय अपना गुस्सा उगल देता है कि जीवन