कम्पीटीशन रिव्यू

केमिस्ट्री में करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने डा. रघुवीर बरसौला से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश… डा. रघुवीर बरसौला केमिस्ट्री विभाग, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धर्मशाला केमिस्ट्री में करियर का क्या स्कोप है? वर्तमान युग विज्ञान का युग है। जीवन के हर फील्ड में विज्ञान का महत्त्व बढ़ा

बिजली कौंधी आसमान  में,  गर्जन दिल धड़काए। छायी घटाएं छम-छम नाचे, गोपियन को लुभाए। शाम होते जब तन थक जाए, निंदिया रानी लगी बुलाने। मन बावरा दर-दर भटके,  चली फिर कहां-  कहां घुमाने।। पल में आए पल में जाए, तपन-शीतल का एहसास कराए। उत्तरः 1. मोर  2. सपना 3.  धूप-छाया

सर्दी के दिन थे। चारों ओर अंधेरा छा गया था। उस समय पड़ोसी मि. वर्मा ने अपने बेटे कुनाल को मि. पटेल के घर पर स्कूल से मिली एक असाइनमैंट को पूरा करने के लिए भेजा। मि. पटेल स्कूल में प्रवक्ता थे। दस वर्ष का बेटा अंतरिक्ष और आठ वर्ष की आस्था रजाई के भीतर

अप्रैल 1804 ई. में गोरखों ने सतलुज पार करके कांगड़ा पर आक्रमण किया। कहलूर का राजा महान चंद भी उनके साथ था। उधर से कांगड़ा के सैनिक दूसरी ओर नदी पार करके आगे बढ़े। हिंदूर के राजा राम सरन सिंह ने भी अपने सैनिकों को कांगड़ा की सहायता के लिए भेजा… गतांक से आगे …

शुरुआत एवं उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस विश्वभर में प्रत्येक वर्ष 18 दिसंबर , को मनाया जाता है। यह दिवस प्रति वर्ष 18 दिसंबर, 1992 से सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा, राष्ट्र निर्माण में योगदान के रूप में चिह्नित कर अल्पसंख्यकों के क्षेत्र विशेष में ही उनकी भाषा, जाति, धर्म,

सतलुज नदी के किनारे फैली इन घाटियों की श्रृंखला को ही सतलुज घाटी के नाम से जाना जाता है। यह घाटी जांसकर, वृहद हिमालय, पीरपंजाल, धौलाधार पर्वत श्रृंखला को काटती हुई पंजाब के मैदानों तक पहुंचती है। बिलासपुर, रामपुर, भावा आदि  प्रमुख नगर जो इस नदी के किनारे पर बसे हैं, इस घाटी के प्रमुख

कांगड़ा के निकट एक धार्मिक प्रतिष्ठित स्थान है। यहां एक जलप्रपात और एक मंदिर है। विशेषकर संतानरहित महिलाएं वहां रविवार और मंगलवार के दिनों में जाती हैं, रात वहां व्यतीत करती हैं और अगली सुबह स्नान कर के वापस आती हैं। वापसी पर हर व्यक्ति उन की छाया से दूर रहता है … गतांक से

पर्वत सेन ने अपने एक पुरोहित पर झूठा आरोप लगाया कि उसका अनुचित संबंध एक बांदी (दासी) से है। पुरोहित ने अपनी निर्दोषिता के बारे में राजा से कहा। फिर भी वह अपमान को सहन न कर सका और उसने आत्महत्या कर ली। इसके पश्चात राजा का स्वास्थ्य गिरने लगा। राजा ने इसे ब्राह्मण का