आस्था

तहसील पच्छाद के मुख्यालय सराहां से दस किलोमीटर दूर शिमला-नाहन रोड पर स्थित पर्वत श्रृंखलाओं में समुद्र तल से लगभग 6500 फुट की ऊंचाई पर स्थित क्वागधार की पर्वत श्रृंखला पर स्थित भूरेश्वर महादेव का मंदिर न केवल भाई-बहन के प्यार, भक्ति और आस्था की स्थली है, बल्कि इस रमणीक स्थल पर अतिविहंगम दृश्य श्रद्धालुओं

आज हम पूरी दुनिया में मानवीय मूल्यों का विनाशकारी पतन देख रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमने इस देश की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए युवा वर्ग में अभूतपूर्व जागरूकता तथा इच्छा को देखा है, परंतु हमें इस आवेग को अराजकता व हिंसा के निम्न स्तर पर जाने से रोकना होगा। आवश्यकता है

इसी प्रकार भैरव के उपासना विधानों के अनुसार भी इनके आकाशभैरव, पातालभैरव एवं स्वर्णाकर्षणभैरव आदि नामों से भी अनेक विधान प्राप्त होते हैं। इनकी महत्ता एवं बलवत्ता के कारण ही इनकी तंत्रसिद्धि प्राप्त की जाती है। प्राचीन तंत्र शास्त्रों के अध्ययन से ज्ञात होता है कि भैरवनाथ के अनेक अवतार हुए हैं। एकादश रुद्रावतार, बावन

गतांक से आगे… एक-एक धड़कन उसकी अपनी है। जरा सी आंच भी उसको आती है, तो उसको पीड़ा शुरू हो जाती है। वो एक निष्काम भाव से की हुई देखभाल है। वो निष्काम भाव से किया हुआ प्रेम है। इसी तरह से इस प्रभु के साथ भी ये भक्त निष्काम भाव से प्रेम करता है

गतांक से आगे… वे संन्यासी के नाम से विख्यात हैं, किंतु यह समर्थनीय नहीं है क्योंकि प्रथम दृष्टि में वे संन्यासी के बजाय योद्धा संन्यासी थे। वे गौरवमय भारत राष्ट्र के मुख को उज्ज्वल करने वाले सबसे पुराने धर्म के प्रतिनिधि, दूसरे उपस्थित प्रतिनिधियों में उम्र में सबसे छोटे होने पर भी प्राचीनतम व श्रेष्ठतम

एक बार अकबर ने तानसेन से कहा था कि तेरा वीणावादन देखकर कभी-कभी मेरे मन में ख्याल उठता है कि कभी संसार में किसी आदमी ने तुझसे भी बेहतर बजाया होगा या कभी कोई बजाएगा? मैं तो कल्पना भी  नहीं कर पाता कि इससे श्रेष्ठतर कुछ हो सकता है। तानसेन ने कहा, क्षमा करें शायद

मंदिर के आंगन में, जो एकदम साफ-सुथरा और पक्का था, कहीं कोई कूड़ा-करकट या कोई छिद्र आदि भी न था। उसी पर वह लहरा रही थी। अचानक कहां चली गई? बीच प्रागंण से कैसे लापता हो गई? गांव भर में चर्चा फैल गई। आतंक का माहौल छा गया। कब जाने कौन उस जहरीली नागिन का

ओंकार का अर्थ है, जिस दिन व्यक्ति अपने को विश्व के साथ एक अनुभव करता है, उस दिन जो ध्वनि बरसती है। जिस दिन व्यक्ति का आकार से बंध हुआ आकाश निराकार आकाश में गिरता है, जिस दिन व्यक्ति की छोटी सी सीमित लहर असीम सागर में खो जाती है, उस दिन जो संगीत बरसता

जीवन एक वसंत/शहनाज हुसैन, किस्त-56 सौंदर्य के क्षेत्र में शहनाज हुसैन एक बड़ी शख्सियत हैं। सौंदर्य के भीतर उनके जीवन संघर्ष की एक लंबी गाथा है। हर किसी के लिए प्रेरणा का काम करने वाला उनका जीवन-वृत्त वास्तव में खुद को संवारने की यात्रा सरीखा भी है। शहनाज हुसैन की बेटी नीलोफर करीमबॉय ने अपनी