आस्था

24 नवंबर रविवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, त्रयोदशी 25 नवंबर सोमवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, चतुर्दशी 26 नवंबर मंगलवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, अमावस, भौमवती अमावस 27 नवंबर बुधवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, प्रथमा 28 नवंबर बृहस्पतिवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, द्वितीया 29 नवंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, तृतीया 30 नवंबर शनिवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, चतुर्थी

पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण अधिकतर स्त्रियां अपनी सेहत और खान-पान पर ध्यान नहीं देतीं, जिसकी वजह से उनके शरीर में खून की कमी हो जाती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जागरूकता के अभाव में आज भी कुछ लोग बेटियों के पोषण पर ध्यान नहीं देते, जिससे स्कूली छात्राओं के शरीर में खून की कमी हो

बाबा हरदेव महात्मा अनादि काल से कहते आ रहे हैं कि केवल परमात्मा है, न कोई दूसरा है,न कोई दूसरा हो सकता है। परमात्मा के लिए कहा गया है कि अल्लाह वाहिद-उल्ला-शरीक है,खुदा लासानी है,बेनजीर है,अनुपम है, अद्वितीय है और न इसका कोई आदि है न अंत है अर्थात यह अनादि और अनंत है, असीम

चतुविशतिवर्णो यः सप्तविंशतिवर्णकः। क्षधार्त्तः स तु विज्ञेयो द्वोत्रिंशद्वर्णसंज्ञकः। क्षधार्त स तु विज्ञेयो द्वोत्रिंशद्वर्णसंज्ञकः।। 59।। एकादशाक्षरो वापि पंचविंशतिवर्णकः। त्रयोविंशातिवर्णो वा मंत्रो दृप्त उदाहृतः।। 60।। 24 अक्षर के वा सत्ताईस अक्षर के मंत्र को क्षुधार्त कहते हैं। 22 अक्षर के, 11 अक्षर के और 23 अक्षर के मंत्र को अतिदृप्त कहते हैं।। 59-60।। षड़विंशलक्षरो मंत्रः षट्त्रिशंद्वणंकस्तथा। त्रिंशदेकोनवर्णो

सद्गुरु  जग्गी वासुदेव कर्म बंधन क्या है? क्या कर्म बंधन के कई प्रकार हैं? वे हम पर कैसे असर डालते हैं? सद्गुरु-अाप जिसे ‘मेरा जीवन’ कहते हैं, वह एक निश्चित मात्रा की ऊर्जा है, जो एक निश्चित मात्रा की जानकारी से नियंत्रित होती है। आजकल की शब्दावली के अनुसार इस जानकारी को हम सॉफ्टवेयर कह

मनुष्य शरीर परमात्मा की अनुपम और अद्वितीय-अद्भुत कलाकृति है। इस कलाकृति की संरचना का अध्ययन किया जाए तो सहज ही यह विदित हो जाएगा कि मनुष्य शरीर कितना जटिल, सुव्यवस्थित और सुनियोजित कार्यप्रणाली पर निर्भर है? इतनी जटिल संरचना और उससे अधिक कार्यप्रणाली बिना किसी बाहरी नियंत्रणकर्ता नियामक के अपने आप सुचारू रूप से संपन्न

अगर आपके बच्चे को भी रात को बिस्तर गीला करने की प्रॉब्लम है, तो पहले आपको यह कोशिश करनी चाहिए कि यह प्रॉब्लम तनाव या किसी और स्वास्थ्य प्रॉब्लम का कारण तो नहीं  है। पहले उसे दूर करने का प्रयास करें। कईं तरीके हैं जिससे नौकटर्नल एनुरेसिस को कम किया जा सकता है या रोका

*  जोड़ों के दर्द और दांत दर्द से छुटकारा पाने के लिए लौंग के तेल का प्रयोग करें। *  जोड़ों और घुटनों के दर्द से आराम के लिए दस कलियां लहसुन की 100 ग्राम पानी या दूध में मिलाकर पीने से दर्द से आराम मिलता है। *  गठिया के उपचार में जामुन काफी उपयोगी है।

ऐसे उमादेवी सहित नीलकंठ महादेव का जो योगी अपने हृदय कमल में ध्यान करता है अथवा सूर्य मंडल अथवा अग्नि या चंद्रमंडल या कैलाश आदि पर्वत में ध्यान करता है, तो उसी सगुण ध्यान द्वारा उस योगी पुरुष का मन स्थिरता को प्राप्त हो जाता है। हे अश्वलायन इस प्रकार चित्त के स्थित हो जाने