आस्था

मस्तिष्क में असंतुलन का दौरा पड़ता है। रोगी के मस्तिष्क का एक बहुत छोटा अंश यह अनुमान लगाने की चेष्टा करता है कि इस आकस्मिक हलचल का कारण क्या हो सकता है? उसे दूसरे लोगों पर भूतों का आवेश आने की जानकारी देखने या सुनने से पहले ही मिल चुकी होती है। अस्तु क्षण भर

सौंदर्य के क्षेत्र में शहनाज हुसैन एक बड़ी शख्सियत हैं। सौंदर्य के भीतर उनके जीवन संघर्ष की एक लंबी गाथा है। हर किसी के लिए प्रेरणा का काम करने वाला उनका जीवन-वृत्त वास्तव में खुद को संवारने की यात्रा सरीखा भी है। शहनाज हुसैन की बेटी नीलोफर करीमबॉय ने अपनी मां को समर्पित करते हुए

*  यदि आप कब्ज से परेशान हैं और कुछ भी खाने का मन नहीं करता है, तो  त्रिफला चूर्ण को हल्के गर्म पानी या फिर दूध के साथ सेवन करने से कब्ज की शिकायत दूर होगी और भूख भी बढ़ेगी। *  अजवाइन का प्रयोग भी पेट की बीमारियों में रामबाण इलाज है। हर दिन खाने

बाबा हरदेव मन जीव का सब से महत्त्वपूर्ण और सूक्ष्म उपकरण है और इसका कार्य है सोचना। ये संकल्प भी करता है और विकल्प को भी जन्म देता है। बुद्धि मन के ही संकल्प-विकल्प की समीक्षा करती है और जीव को कर्म करने का निर्णय करने में सहायता प्रदान करती है। जिन महात्माओं का विश्वास

26 मई रविवार, ज्येष्ठ, कृष्णपक्ष, सप्तमी 27 मई सोमवार, ज्येष्ठ, कृष्णपक्ष, अष्टमी 28 मई मंगलवार, ज्येष्ठ, कृष्णपक्ष, नवमी 29 मई बुधवार,  ज्येष्ठ, कृष्णपक्ष, दशमी 30 मई बृहस्पतिवार, ज्येष्ठ, कृष्णपक्ष, एकादशी, पंचक समाप्त, अपरा एकादशी व्रत 31 मई शुक्रवार, ज्येष्ठ, कृष्णपक्ष, द्वादशी, प्रदोष व्रत 1 जून शनिवार, ज्येष्ठ, कृष्णपक्ष, त्रयोदशी

* तन्मयता के बिना सृजन  नहीं * मेहनत एक ऐसी सुनहरी चाबी है, जो बंद भाग्य के दरवाजे भी खोल देती है * समय जब निर्णय करता है तब गवाहों की जरूरत नहीं होती * जीतने का सबसे ज्यादा मजा भी तब आता है, जब सारे लोग आपके हारने का इंतजार कर रहे हों *

जानिए खुद के साथ अपनी फैमिली को हेल्दी रखने के लिए किस तरह की डाइट को फॉलो करें। परिवार के सभी सदस्यों के हेल्दी रहने के लिए सबसे जरूरी है पौष्टिक डाइट ली जाए। खासकर घर के बच्चों और बुजुर्गों की डाइट को लेकर बहुत सतर्क रहना चाहिए…  परिवार का हर सदस्य स्वस्थ रहे, इसके

सदगुरु  जग्गी वासुदेव अगर आप इस पूरे ब्रह्मांड में ढूंढें, तो आपको कोई भी दो चीज ऐसी नहीं मिलेंगी, जो ठीक एक जैसी हों। कोई भी दो परमाणु तक एक जैसे नहीं हैं। हर परमाणु के भीतर एक विशिष्टता है। समानताएं आपके मन के तार्किक पक्ष का पोषण करती हैं… तर्क का यह स्वभाव होता

परमात्मादेव किसी काल अथवा देश में अन्यथा भाव को प्राप्त नहीं होता, वरन सदा सर्वदा एक रस रहता है, इसलिए उसे ‘शाश्वत’ कहा जाता है। यह परमात्मा देव ब्रह्मा आदि के भी जानने योग्य है, इस कारण इन्हें ‘म्हाज्ञेय’ भी कहा जाता है। यही सब भूतों प्राणियों की परागति है, इस कारण इनका एक नाम