आस्था

मंदिर में सोने पर आते हैं सांकेतिक स्वप्न… हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के लडभड़ोल तहसील के सिमस नामक खूबसूरत स्थान पर स्थित माता सिमसा मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। माता सिमसा या देवी सिमसा को संतान दात्री के नाम से भी जाना जाता है। हर वर्ष यहां निसंतान दंपति संतान पाने की इच्छा ले

माना जाता है कि त्रेता युग में भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया था। रावण ने जब सीता का अपहरण कर लिया, तो राम उनकी खोज में वन-वन भटकने लगे। भगवान राम जब दक्षिण दिशा की ओर जा रहे थे, तो रास्ते में उन्हें वैष्णवी नाम की एक दिव्य कन्या मिली। राम और लक्ष्मण

यूं तो संपूर्ण उज्जैन पौराणिक गाथाओं के पृष्ठों से अलंकृत है, किंतु इन पृष्ठों में भी कुछ ऐसे पृष्ठ हैं जो एक साथ श्रद्धा, कौतूहल और आनंद की अनुभूति कराते हैं। इन्हीं में से एक है श्री हरसिद्धि देवी का मंदिर। उज्जैन की इस प्राचीन शक्तिपीठ का वर्णन स्कंदपुराण में है। इसी स्थल पर दक्ष

वाराणसी में स्थित दुर्गाकुंड में मां दुर्गा का भव्य एवं विशाल मंदिर है। जहां हर समय दर्शनार्थियों का आना लगा रहता है। खासकर नवरात्र में तो इस मंदिर का महत्त्व और बढ़ जाता है। शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मां को कुष्मांडा माता के रूप में पूजा जाता है। इस दौरान मंदिर को भव्य तरीके

गर्मियों ने दस्तक दे दी है और बदलते मौसम में  त्वचा की विशेष देखभाल करने की जरूरत होती है। ऐसे मौसम में धूप के कारण चेहरे की चमक गायब हो जाती है। उमस, तापमान, प्रदूषण, हानिकारक पराबैंगनी किरणों से सामना और बदलती जीवनशैली जैसे कारकों से त्वचा प्रभावित होती है। इसलिए त्वचा की देखभाल संबंधी

2 अप्रैल रविवार, चैत्र, शुक्लपक्ष, षष्ठी      स्कंद षष्ठी व्रत 3 अप्रैल सोमवार, चैत्र, शुक्लपक्ष, सप्तमी 4 अप्रैल मंगलवार, चैत्र, शुक्लपक्ष, अष्टमी, श्रीदुर्गाष्टमी, श्री रामनवमी 5 अप्रैल बुधवार, चैत्र, शुक्लपक्ष, नवमी 6 अप्रैल बृहस्पतिवार, चैत्र, शुक्लपक्ष , दशमी 7 अप्रैल शुक्रवार, चैत्र, शुक्लपक्ष, एकादशी कामदा एकादशी व्रत 8 अप्रैल शनिवार, चैत्र, शुक्लपक्ष, द्वादशी, शनि प्रदोष व्रत

बाबा हरदेव इनसान की अज्ञानता ने इसको कहां-कहां गिराया है, इसको कहां-कहां पटका है, लेकिन हूड़मति इनसान उससे भी बाज नहीं आता है। उसी रास्ते पर चलता चला जाता है, वही संकीर्ण सोच रखकर चलता जाता है। फिर वो जिधर से गुजरता है विनाश और मातम फैलाता चला जाता है। इस प्रकर से धरती पर

ओशो जीवन एक रहस्य है। तुम जितना अधिक उसे समझते हो, वह उतना ही अधिक रहस्यमय बन जाता है। तुम उसे जितना अधिक जानते हो, तुम्हें उतना ही कम यह अनुभव होता है कि तुम उसे जानते हो। तुम उसकी गहराई और अनंत गहराई के प्रति जितने अधिक होशपूर्ण होते हो, उतना ही अधिक उसके

आज के समय में सिरदर्द होना एक आम समस्या हो गई है, जिससे हर कोई किसी न किसी तरह से सामना कर रहा है। सिरदर्द का मुख्य कारण काम का अधिक बोझ, घंटों कम्प्यूटर के सामने बैठे रहना, अनियमित खान-पान आदि होता है, जिससे निजात पाने के लिए हम कई दवाओं का सहारा लेते हैं।