दखल

एशियाई गेम्स में छोटे से पहाड़ी प्रदेश का प्रदर्शन इस बार भी उम्दा रहा । इस बार पहाड़ की बेटियां बेशक गोल्ड से चूक गईं, पर रजत पदक लेकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। हिमाचल में किस तरह ट्रेंड हो रहे हैं खिलाड़ी… इसी की तफतीश करता इस बार का दखल… जकार्ता में चल

27 घंटे 14 मिनट और 39 सेकंड चले मानसून सत्र में सरकार का डिफेंस और विपक्ष का वार देखने को मिला। सात दिन में सदन के भीतर किस तरह का माहौल रहा,  हमारे प्रतिनिधियों ने किन-किन मसलों को सदन पटल पर रखा और सरकार ने कैसे अपना पक्ष प्रस्तुत किया, इसी की तफतीश कर रहे हैं ...

सवारी बाइक की, न हेलमेट; न लाइसेंस… न ही स्पीड पर लगाम। अब इन्हें तो पर्यटक नहीं कह सकते। कभी त्रियूंड, तो कभी शिकारी देवी पहुंचने वाले ऐसे सैलानी हमारी आर्थिकी में योगदान तो नहीं देते , लेकिन चिट्टा, डेंगू और देह व्यापार से देवभूमि को शर्मसार जरूर करते हैं। ये पर्यटन कम, भीड़ ज्यादा

मौसम की मार से हिमाचल पस्त बरसात से बुरी तरह जख्मी हिमाचल के दर्द से केंद्र सरकार अनजान है। हर सेक्टर को भारी -भरकम नुकसान की भरपाई के लिए मिलने वाला बजट ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। अगर केंद्र से पर्याप्त मदद मिले, तभी बात बनेगी … बेरहम मानसून की मार से

प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों का सूखा बताता है कि पहाड़ का नौजवान अब इस करियर में रुचि नहीं रखता है। दूसरी ओर… मेडिकल कालेजों में सालाना 700 नए डाक्टरों का तैयार होना दर्शाता है कि मेडिकल लाइन ही राइट च्वाइस है। रैंकिंग की जाए तो इसके बाद दूसरे नंबर पर प्रोफेशनल कोर्स हैं, तो डिग्री

आज के युवा आकर्षक और सुडौल शरीर बनाने के लिए क्या कुछ नहीं करते। कुछ जिम में पसीना बहा रहे हैं, तो कुछ योग के सहारे खुद को सबसे हटकर दिखने का प्रयास कर रहे हैं।  हैल्थ को लेकर कितना जागरूक है, हिमाचली युवा …. दखल के जरिए बता रहे हैं…. टेकचंद वर्मा, प्रतिमा चौहान

क्रिकेट हो,कबड्डी हो, शूटिंग या फिर हॉकी…  किसी भी खेल का जिक्र  किया जाए तो उसमें पहाड़ की प्रतिभाएं किसी से कम नहीं हैं। प्रदेश के प्लेयर देश-दुनिया में हिमाचल का नाम रोशन कर रहे हैं।  प्रदेश में खेल ढांचे व होनहारों की उपलब्धियां  बता रहे हैं,  टेकचंद वर्मा और भावना शर्मा… हिमाचल प्रदेश के

प्रीटि जिंटा  हो या कंगना रणौत, दीपक ठाकुर या गे्रट खली, ये सभी पहाड़ की माटी के वे  सितारे हैं , जो अपनी चमक से देश-दुनिया को रोशन कर रहे हैं। कला के क्षेत्र में हिमाचली युवाओं की प्रतिभा को दखल के जरिए बता रहे हैं….. भावना शर्मा, प्रतिमा चौहान के साथ राकेश कथूरिया कला

ताकतवर गेहूं की जगह खोखले मैदे से बने नूडल्स ने ले ली तो चावल को मोमो ने पछाड़ दिया। हिमाचल के नौजवानों को दूध-लस्सी से ज्यादा कोल्ड ड्रिंक्स प्यारी हो गई। जी,हां! यही है देवभूमि में खान-पान का नया ट्रेंड। स्वाद के बहाने फास्ट फूड युवाओं पर कैसे हावी हो रहा है, यही पड़ताल कर