दखल

करीब 400 साल पहले अस्तित्व में आया ऐतिहासिक शहरों में शूमार नाहन विकास के लंबे डग तो भरता गया, लेकिन बढ़ती आबादी के हिसाब से लोगों को सुविधाएं मुहैया करवाने में पिछड़ गया। सच पूछो तो शहर में ओपन स्पेस तक नहीं है, घर एक-दूसरे से बिलकुल जुड़े हैं, तो गाडि़यों को कोई ठिकाना नहीं

कुछ दशक पहले सोलन के एक किलोमीटर में 174 लोग रहते थे,यह आंकड़ा अब भले ही  300 तक पहुंच गया हो, लेकिन सड़कें और पार्किंग अब भी वहीं हैं। कसौली और चायल को छोड़ दें, तो कोई नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं बना है। नतीजतन, अब पर्यटक भी सोलन से मुंह मोड़ने लगे हैं। अगर यही

फिल्म इंडस्ट्री में हिमाचल प्रदेश शूटिंग के लिहाज से नया नाम नहीं है, परंतु बॉलीवुड ने इसे वह तरजीह नहीं दी, जिसका प्रदेश हकदार था।  इसमें बड़ी कमियां हिमाचल की सरकारों की ओर से भी रहीं, जिन्होंने इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई। अब जाकर प्रदेश सरकार फिल्म पॉलिसी लेकर आई है। फिल्म पॉलिसी से हिमाचल

केंद्र और प्रदेश सरकार ने हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाने के लिए कई योजनाएं चला रखी हैं। इसके अलावा आर्थिक तंगी के चलते किसी होनहार की पढ़ाई न छूट जाए, इसके लिए भी छात्रवृत्ति योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन बच्चों की छात्रवृत्ति पर भी कई शातिर गिद्ध दृष्टि डाले हुए हैं। हिमाचल में

2014 से चली मोदी लहर 2019 आते-आते सुनामी में बदल गई और एक के बाद एक कई विरोधियों के पांव उखड़ गए। हिमाचल में तो मोदी  का के्रज ऐसा रहा कि पहाड़ के 70 फीसदी लोगों ने वोट देकर इतिहास रच दिया। पीएम मोदी और सीएम जयराम ठाकुर की लोकप्रियता के आगे कांग्रेस अपनी साख

लोकसभा के लिए आज होने वाले चुनाव को प्रत्याशियों के साथ-साथ मतदाता भी पूरे जोश में हैं। इस बार खास यह है कि जिन मुद्दों पर सालों से बात हो रही हैं, वे अभी भी वैसे ही खड़े हैं। इस चुनाव में भी वही मुद्दे छाए हुए हैं, जो पहले थे। यानी चेहरे तो बदल

17वें लोकसभा चुनावों के लिए हिमाचल भी पूरी तरह से तैयार है।  पहाड़ी प्रदेश के चुनावी माहौल से रू-ब-रू करवा रहा है इस बार का दखल…     सूत्रधार : शकील कुरैशी आरपी नेगी टेकचंद वर्मा हिमाचल में चारों संसदीय क्षेत्रों में मुकाबले रोचक हैं। इनमें पहली रोचकता तो यही है कि कांग्रेस व भाजपा के पांच

देश में लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। ऐसे में हिमाचल के विधानसभा क्षेत्रों में भी नेता जीत की डोर संभाले हुए हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ के दखल की इस कड़ी में आज जयराम सरकार में  कैबिनेट मंत्री सरवीण चौधरी के विधानसभा क्षेत्र शाहपुर के सवा साल के विकास की नब्ज टटोल रहे हैं… विजय

लोकसभा चुनाव में पूरा देश रंग चुका है, तो हिमाचल में सियासी पारा दिन-प्रतिदिन चढ़ रहा है। लोकसभा चुनाव में विधायक द्वारा किए गए विकास को भी परखा जाता है, तो इस बार हम दखल के जरिए जानेंगे कि हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सवा साल के कार्यकाल के दौरान किन