विचार

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं हरियाणा में खेलों के लिए काफी कुछ हुआ। वर्ष 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंद्र सिंह हुड्डा ने पदक विजेताओं के लिए करोड़ों तक नकद इनाम तथा सरकारी नौकरियों में उच्च पद देकर हरियाणा के किशोरों व युवाओं को खेल मैदान जाने के लिए प्रेरित किया।

न मुजरिम सामान्य हैं और न ही इसकी खोज साधारण तरीकों से संभव है, इसलिए आरोपों के तीरों से बिंधा कोटखाई का सामाजिक परिदृश्य आज भी आहत है। कहीं जंगल में दबी चीख की अनुगूंज का बार-बार लौट आना या कहीं जांच के मुर्दों का जीवित हो जाना सालता है। वहां एक साथ कई मुजरिम

कल तक जो ‘भगवान’ था, आज वह बलात्कारी है। जिसके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में डमरू सजते थे और वह खुद को ‘शिव का अवतार’ मानता था, आज बलात्कारी के तौर पर जेल में है। होली के पर्व पर आपने भी उस शख्स का ‘कमंडल डांस’ देखा होगा या भगवान कृष्ण की तरह

राकेश कुमार, जालंधर जिंदगी में सफलता उसी को मिलती है, जो मेहनत और लगन की राह पर चलता है। जो विद्यार्थी सारा वर्ष अपना ध्यान केवल पढ़ाई में ही लगाए रखते हैं, उन्हे परीक्षा में शानदार सफलता अवश्य मिलती है। आजकल विभिन्न स्कूल बोर्डों के परीक्षा परिणाम घोषित किए जा रहे हैं। इनमें कुछ विद्यार्थियों

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं विपक्ष के पास रचनात्मक विपक्ष की भूमिका को लेकर कोई ‘विजन’ नहीं है। यदि कहीं दंगा हो जाए तो विपक्ष का नेता सहानुभूति जताने के लिए वहां पहुंच जाता है, लेकिन क्या विपक्ष ऐसी कोई कोशिश करता है कि भविष्य में वहां दंगा न हो? यदि

अभिषेक कुमार, धर्मशाला 8 नवंबर, 2016 को रात 8 बजे नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई घोषणा में 500 और 1000 के नोटों को बंद कर दिया गया था तथा इसे नोटबंदी की परिभाषा दी गई थी। इससे करोड़ों लोगों को पैसों के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इसी तरह आज भी

हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की जमा दो की परीक्षा हालांकि प्रदेश के सपनों के महल को बुलंदी दे रही है, फिर भी कहीं सरकारी बनाम निजी स्कूलों में मुकाबला हो रहा है। पाठ्यक्रम की सीमाएं और सरकारी क्षेत्र की उपयोगिता के दीपक अंधेरे से लड़ते देखे जा सकते हैं। शोहरत के पैगाम में शिक्षा एक

राजेश कुमार चौहान, जालंधर आजकल फिर से पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ौतरी की खबरें सुर्खियां बनी हैं। इनकी बढ़ती कीमत के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है? सरकार की गलत नीतियां या फिर और कोई कारण। कोई समय था जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक वर्ष में मात्र दो या तीन बार

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालयन नीति अभियान अधिकांश बाइकर बिना हेलमेट ही चलते हैं या हेलमेट को बाजू से लटका कर रखते हैं और पुलिस नाके के पास दिखाने भर के लिए पहन लेते हैं। हमें समझना चाहिए कि हेलमेट पहन कर पुलिस पर कोई एहसान नहीं किया जा रहा है। प्रशासनिक सख्ती के साथ सामाजिक