विचार

लोक गाथा में भगवान वामन दो पग में पूरी पृथ्वी लांघ जाते हैं। परिणामतः आधा पद बलि अपने सिर पर धारण करता है। पृथ्वी के राज्य को खोने के बाद बलि भगवान से प्रार्थना करता है कि उसे धरती पर बारह संक्रांतियों और बारह अमावस दी जाएं, परंतु भगवान उसे कार्तिक मास की अमावस देते

(प्रेम चंद माहिल, बरहाना, हमीरपुर) भारतवर्ष में आज भी कुछ लोग रुढि़वादिता के शिकार हैं। आधुनिक विजन के युग में भी लोग बीमार होने की अवस्था में अस्पताल जाने के बजाय तंत्र-मंत्र और जादू-टोने से इलाज करवाने में विश्वास रखते हैं। प्राचीनकाल में बीमारी के इलाज के लिए दवाइयों का आविष्कार नहीं हुआ था। अस्पताल

मन्मथनाथ गुप्त भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारी तथा सिद्धहस्त लेखक थे। इन्होंने हिंदी, अंग्रेजी तथा बांग्ला में आत्मकथात्मक, ऐतिहासिक एवं गल्प साहित्य की रचना की है। यह मात्र 13 वर्ष की आयु में ही स्वतंत्रता संग्राम में कूद गए और जेल गए। बाद में वह हिंदोस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य भी बने

हिमाचल की शान शिमला महज अपनी खूबसूरती के कारण स्मार्ट नहीं बन सकता। राजधानी को स्मार्ट सिटी का चोला पहनाने के लिए कई दिक्कतों से पार पाना होगा। मसलन, ट्रैफिक, ट्रांसपोर्ट सिस्टम, 24 घंटे बिजली-पानी, नई टाउनशिप व डे्रनेज सिस्टम से लेकर ऐसे कई आधुनिक तौर-तरीके अपनाने होंगे, जो असल में शिमला को स्मार्ट बना

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं आम जनता की नजर से इन स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों को गिराने के लिए अंततः सिनेमा का सहारा लिया गया। सिनेमा की पहुंच दूर-दूर तक है और प्रत्यक्ष दिखाई गई चीज का आम जनता पर गहरा असर होता है। संजय लीला भंसाली

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) कर्मनिष्ठ की कमर झुक गई, गुंडा मंत्री भारी है, बाहुबली हैं आगे-पीछे, मर्सिडीज सरकारी है। उम्रकैद में सड़ता सच्चा, झूठा पलड़ा भारी है, लूट रहे हैं भरे खजाने, ऊपर हिस्सेदारी है। काले को सफेद करते हैं, कहते हैं लाचारी है, हिचकोले खाती थी नैया, चांदी ने ही तारी

( लक्ष्मी चंद, कसौली, सोलन ) हाल ही में ज्ञात हुआ है कि हिमाचल सरकार जमा दो शिक्षा स्तर पर लोक प्रशासन तथा मनोविज्ञान विषयों को समाप्त कर रही है।  यह फैसला किसी भी कोण से तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता। सरकार को ध्यान देना चाहिए कि इन दोनों ही विषयों का इनसान को ज्ञान

( डा. शिल्पा जैन सुराना, वंरगल, तेलंगाना ) इसे संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही कहेंगे कि एक 18 वर्षीय युवक सड़क दुर्घटना में घायल, दर्द से कराहता, मदद की गुहार लगाता रहा और लोग उसका वीडियो बनाते, फोटो खींचते मूकदर्शक बने रहे। ये वही लोग हैं जो सोशल मीडिया पर यह वीडियो और फोटो डालेंगे, सरकार

( कर्म सिंह ठाकुर लेखक, सुंदरनगर, मंडी से हैं ) हिमाचल भारत में छोटे राज्यों की श्रेणी में आता है। शायद इसी कारण केंद्र के बजट में इस पहाड़ी राज्य को कोई बड़ा स्थान नहीं मिल पाता। ऐतिहासिक दृष्टि से हिमाचल कभी भी केंद्रीय बजट का आकर्षण नहीं बना है। इस वर्ष कौन सी नई