विचार

( किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर ) हमें यह लिखते बड़ा दुख होता है कि हमारे प्रदेश में पथ परिवहन निगम अक्षरशः उन नियमों का पालन नहीं कर पाता, जो कि सरकार द्वारा जनता की भलाई के लिए बनाए गए हैं। सरकार की पूरी कोशिश के बाद भी आदेशों का सफल क्रियान्वयन नहीं हो पाता।

आज चुनाव और बजट से अलग उस मुद्दे का विश्लेषण करेंगे, जो आतंकवाद और हमारी हिफाजत से जुड़ा है। बीते दिनों अचानक खबर आई कि लश्कर-ए-तोएबा और जमात-उद-दावा सरीखे आतंकी गुटों के संस्थापक सरगना हाफिज सईद को लाहौर में एक मस्जिद में नजरबंद किया गया है। तुरंत व्याख्याएं शुरू हो गईं कि अमरीकी राष्ट्रपति टं्रप

प्रो. एनके सिंह ( लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं ) कई समीक्षक सवाल करते हैं कि क्या इस तरह से ट्रंप सफल हो पाएंगे, लेकिन अब वह सत्ता में हैं और वही करेंगे जो उन्होंने कहा था। ट्रंपवाद के उदय से समूचा वैश्विक परिदृश्य बदल रहा है। यह तो आने वाला

यूपीए सरकार के दौरान जब बसपा प्रमुख मायावती के दिल्ली आवास पर आयकर वालों ने छापा मारा था, तो कुछ लोग वहां मौजूद थे, जो 20,000 रुपए से कम राशि की पर्चियां काट रहे थे। चंदा देने वालों के नाम और राशि सब कुछ फर्जी थे। उसके बाद मायावती और उनके साथी नेताओं ने दलीलें

भूपिंदर सिंह ( लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं ) करोड़ों की अंतरराष्ट्रीय खेल सुविधा के रखरखाव के लिए आज कोई भी कर्मचारी दिखाई नहीं देता है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सत्ता में आते ही घोषणा की थी कि राज्य में खेल प्राधिकरण बनाया जाएगा, मगर अब इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी इस पर

( जयेश राणे, मुंबई, महाराष्ट्र ) अमरीका के एच1 बी वीजा को लेकर देश में काफी हलचल मची हुई है। भारतीय आईटी कंपनियों को इस वीजा को लेकर आने वाले वक्त में कुछ मुश्किलें पैदा होने की संभावना दिख रही है। अमरीका पहले से ही भारत का हाथ पकड़कर अपनी तरक्की की सीढि़यां चढ़ते आया

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) है अमूल्य निधि वोट यह, इसका लगे न मोल, तुच्छ भेंट, कुछ लाभ पर, इसको कभी न तोल। लालच बहुत बुरी बला, इससे रहना दूर, पल में इज्जत-आबरू, होगी चकनाचूर। मुर्गा, बोतल बंट रही, मत ले भिक्षा, दान, खोटा सिक्का मत चला, करके मदिरा पान। बिक मत जाना

( सूबेदार मेजर (से.नि.) केसी शर्मा, गगल ) मनरेगा कर्मी अपने श्रम से प्रदेश में बहुमूल्य संपत्तियों के निर्माण में अमूल्य योगदान दे रहे हैं। शुरुआती दौर में इस योजना की धुर विरोधी रही भाजपा सरकार ने भी इसके महत्त्व को बखूबी समझा है। यही वजह है कि बजट में इस योजना के लिए धन

अदालत के जरिए न्याय के प्रति अटूट विश्वास का होना हमारे भीतर राष्ट्र और लोकतंत्र की मजबूती है। आस्था की जिस मजबूती से समाज कानून को देखता है, वहां न्यायाधीश का पद और गरिमा किसी अवतार से कम नहीं। मानवीय चरित्र के मायने और राष्ट्रीय कर्त्तव्य का उत्तरदायित्व, अदालती निर्णयों की फेहरिस्त में सम्मानित हो