विचार

बुद्धिजीवी आज तक यह तय नहीं कर पाया कि वह पालतू है या लावारिस। वह भटक कर भी आवारा नहीं हो पाया, जबकि देश के हर ठहराव में आवारगी बढ़ रही है। न जाने बुद्धिजीवी को क्या सूझी कि उसने एक आवारा कुत्ते को जंजीर डाल दी। बुद्धिजीवी का यह कुत्ता भी देखते-देखते उसी की तरह हो गया। वह यूं ही हर किसी को देखते-देखते भौंकने लगता। कुत्ते को भ्रम यह था कि भौंकने से सब ठीक हो जाएगा। बिना पहचाने-जाने भौंकने की आदत ने उसे गली का ऐसा चरित्र बना दिया जो किसी भी सूरत में एडजस्ट नहीं करना चाहता। पड़ोसी अब सोचने पर विवश होने लगे कि बुद्धिजीवी और कुत्ते के बीच आखिर चरित्र में इतनी समानता हुई कैसे। न बुद्धिजीवी उन्हें लांघने देता और न ही उसका कुत्ता, हालांकि गली में न लोग उसकी परवाह करते और न ही कुत्ते। गली में आवारा कुत्तों के संग बाकी पालतू भी घुल-मिल गए थे, लेकिन बुद्धिजीवी

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विकसित हो रहे हिमाचल के दो शहरों के बजट की दास्तान यह समझाने में असमर्थ है कि भविष्य की तिजोरी में क्या छिपा है। घाटे के शहरों पर लादे गए प्रशासनिक व आर्थिक सपने केवल सियासी ताजपोशी के मंसूबे बनकर रह गए हैं। आखिर नागरिक भागीदारी में धर्मशाला और शिमला जैसे शहरों का भविष्य पढ़ा कहां जाए। सिर्फ आंकड़ों के लाग-लपेट में शहरीकरण की यह तस्वीर धुंधली है। कम से कम राष्ट्रीय स्वच्छता के मानदंडों व सर्वेक्षणों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि शिमला जैसे शहर की तहजीब भी अब इस

हाल ही में उत्तर प्रदेश में भी कांस्टेबल भर्ती के पेपर लीक होने का मुद्दा सुर्खियों में था। यह परीक्षा 17 और 18 फरवरी को हुई थी और इसमें लगभग 45 लाख युवाओं ने अपना भविष्य बनाने के लिए भाग लिया था। माना जा रहा है कि यह एशिया की सबसे बड़ी भर्ती की परीक्षा थी। खबर यह भी है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है। इसी तरह हिमाचल सरकार ने कुछ समय पहले प्रदेश का कर्मचारी चय

कहानी के प्रभाव क्षेत्र में उभरा हिमाचली सृजन, अब अपनी प्रासंगिकता और पुरुषार्थ के साथ परिवेश का प्रतिनिधित्व भी कर रहा है। गद्य साहित्य के गंतव्य को छूते संदर्भों में हिमाचल के घटनाक्रम, जीवन शैली, सामाजिक विडंबनाओं, चीखते पहाड़ों का दर्द, विस्थापन की पीड़ा और आर्थिक अपराधों को समेटती कहानी की कथावस्तु, चरित्र चित्रण, भाषा शैली व उद्देश्यों की समीक्षा करती यह शृंखला।

यदि दुनिया को शल्य चिकित्सा व आयुर्वेद का ज्ञान देने वाले ‘विश्व गुरु’ भारतवर्ष की प्रतिभाएं मेडिकल विषय की शिक्षा के लिए विदेशों में भटक रही हैं तो मतलब साफ है कि देश की शिक्षा व्यवस्था आचार्य सुश्रुत व महर्षि चरक तथा शालिहोत्र जैसे विद्वान आचार्यों की चिकित्सा की गौरवशाली ज्ञान विरासत को सहजने में नाकाम रही है...

हम बहुत भाग्यशाली हैं कि ईश्वर के साथ-साथ हमारे देश के कण-कण में नेता भी वास करते हैं। ईश्वर साक्षात दिखता नहीं है। लेकिन नेता साक्षात दिखता है। हर योजना में दिखता है। हर घोटाले में दिखता है।

ममता बनर्जी को यह समझना है कि नेताओं की लोकप्रियता का अर्थ यह कदापि नहीं हो सकता है कि देश के कानून से खिलवाड़ किया जाए। यदि लोकप्रियता और सत्ता ही पैमाना होता तो देश में लालू यादव सहित दर्जनों ऐसे नेता हैं, जिन्होंने न सिर्फ सत्ता गंवाई, बल्कि जेल का मुंह भी देखा है...

हिमाचल प्रदेश पानी के प्राकृतिक संसाधनों के स्त्रोतों का सरताज माना जाता है, लेकिन गर्मियों में यहां भी बहुत से क्षेत्र पानी की कमी से जूझते हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने हर घर तक नल द्वारा जल पहुंचाने के लिए योजना भी शुरू की है, लेकिन हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है, यहां यह योजना कामयाब करने के लिए लंबा समय भी लग सकता है।

नए शपथपत्र, नई उदासियां-करामात यह कि वे बोल रहे हैं। हिमाचल का जायजा लेती विधानसभा सिर्फ बजट का हिसाब नहीं लगा रही, बल्कि देख सुन रही है कि आखिर हो क्या रहा है। सरकार के पूजनीय ढांचे में