वैचारिक लेख

राकेश शर्मा जसवां, कांगड़ा सभी मतदाताओं द्वारा देशहित में किया गया मतदान लोकतंत्र को सबसे ज्यादा मजबूती प्रदान करता है। मतदान के प्रति जनता का नकारात्मक या सुस्त रवैया किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए नुकसानदेह साबित होता है। पिछले कुछ वर्षों से मतदाताओं की जागरूकता के लिए चलाए गए अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार गणतंत्र दिवस मनाने का मूल लक्ष्य उन सभी राज्यों को एक साथ लाना था जो अपनी व्यापक विविधताओं के कारण पूरे वर्ष एक मंच पर नहीं आ पाते हैं। नेहरू ने इस समारोह में राज्यों की सामूहिकता तथा उनकी संस्कृति उपलब्ध करवाई। यह बमुश्किल राजनीतिक वक्तव्य था क्योंकि केंद्र

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक विकास ठाकुर ने सेना में होते हुए भी पिछले वर्ष हिमाचल का प्रतिनिधित्व कर वरिष्ठ भारोत्तोलन की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है। 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत तथा 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाला यह होनहार भारोत्तोलक इस समय राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में 2020 ओलंपिक खेलों

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार प्रियंका गांधी को कांग्रेस में महासचिव बनाए जाने की खबर विश्व भर में बड़ी खबर बनी। विभिन्न चैनलों और वेबसाइटों के सर्वे कांग्रेस की बढ़ी हुई सीटों की बात करते हैं। निश्चय ही तीन राज्यों की जीत ने कांग्रेसजनों में आशा और उत्साह की नई लहर जगाई है, लेकिन एक मतदाता

अमृत महाजन लेखक नूरपुर से हैं बजट पास होने के कुछ ही समय के बाद बसों के किराए बढ़ा दिए जाते हैं। रेल किराए व भाड़े में भी वृद्धि कर दी जाती है। रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ जाती हैं। यहां तक कि सरकारी डिपुओं में गरीबों को मिलने वाली वस्तुओं की कीमतें

अवधेश कुमार स्वतंत्र लेखक हमारे देश की हालत यह है कि अगर कोई ईवीएम या वीवीपैट खराब हुआ और कुछ देर मतदान रुक गया तो भी उसे ईवीएम के साथ छेड़छाड़ बताने का हास्यास्पद तर्क दिया जाता है। कोई मशीन नहीं जिसमें खराबी आए नहीं। खराबी आने पर उसे ठीक करने या तुरंत बदल देने

संजय शर्मा लेखक, शिमला से हैं हिमाचल एक पहाड़ी प्रदेश होने के कारण औद्योगिकरण से जुड़ी कुछ मुलभूत समस्याओं से भी दो-चार होता रहा है, मसलन मैदानी राज्यों के मुकाबले खर्चीले औद्योगिक व सामाजिक मूलभूत ढांचे का विकास, बाजार की कमी, उद्योगों की स्थापना के लिए बडे़ औद्योगिक क्षेत्रों का अभाव, समुचित दक्ष श्रमशक्ति का

पूरन शर्मा स्वतंत्र लेखक भैंस के आगे मैंने बीन बजाई तो उसने अपना सिर हिलाकर मना कर दिया। मैंने कहा-‘क्यों क्या बात है, बीन अच्छी नहीं लगती?’ इस बार भैंस कोई जवाब न देकर जोर से रंभाई तो उसकी आवाज सुनकर ज्ञानी जी प्रकट हुए और मुझसे बोले -‘क्यों भैंस को परेशान कर रहे हो,

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक किसान की आय बढ़ाने के लिए फसलों के उत्पादन और मूल्य को बढ़ाने की नीति घातक है, चूंकि देश के पास इतना पानी ही नहीं है। अतः हमें उत्पादन घटाकर किसान की स्थिति में सुधार लाना होगा। इसके लिए हर किसान, चाहे वह युवा हो या वृद्ध, उसे एक निश्चित