चंबा

भरमौर —  उपमंडल की ग्राम पंचायत दयोल के क्यूर गांव में पिछले एक माह से अंधेरा पसरा हुआ है, जिसके चलते यहां उपभोक्ताओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अहम है कि सर्दियों में गांव के करीब-करीब सभी परिवार कांगड़ा जिला की ओर पलायन कर जाते हैं। नतीजतन अब कांगड़ा से परिवार

डलहौजी —  भटियात विकास खंड की चूहन पंचायत में बिजली की आंख मिचौनी ने चिलचिलाती गर्मी के बीच मुश्किल में डालकर रख दिया है। हालात ये हैं कि जरा सी हवा चलने पर तारों के आपस में टकराने से बिजली गुल होना आम बात होकर रह गई है। ग्रामीणों की बिजली लाइनों व खंभों का

चंबा —  तीन दिन पूर्व आए भूकंप ने चंबावासियों को एक बार फिर से डरा लिया तथा पूर्व में आए भूकंप के झटकों से हुए नुक सान की याद ताजा करवा दी। चार तथा छह सेकंड तक रहे दो भूकंप के झटके अगर कुछ समय और रहते तो खासी तबाही हो सकती थी। लोग इन

भरमौर —  होली उपतहसील में 180 मैगावाट के पावर प्रोजेक्ट निर्माण कार्य में जुटी कंपनी को वनसंपदा को नुकसान पहुंचाने के लिए वन विभाग ने 40 हजार रुपए का जुर्माना ठोंका है। वन विभाग ने आरंभिक जांच पर कंपनी को चालीस हजार रुपए की डैमेज रिपोर्ट काटकर राशि को सरकारी खाते में जमा करवाने के

साहो —  भाजपा पूर्व कर्मचारी प्रकोष्ठ के कार्यकारिणी सदस्य डा. डी के सोनी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण हिमाचल प्रदेश कर्ज के बोझ में दबता जा रहा है। कांग्रेस सरकार करोड़ों रुपए के कर्ज लेकर खुद को विकास का मसीहा बताकर अपनी पीठ थपथपा रही है। उन्होंने चुटकी लेते

भरमौर – जनजातीय क्षेत्र भरमौर की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था का जिम्मा संभालने वाले एसएमसी शिक्षकों को प्रदेश सरकार पगार देना भी भूल गई है। यहीं वजह है कि कई एसएमसी शिक्षकों को पिछले आठ माह से वेतन का भुगतान ही नहीं किया गया है। जबकि कई शिक्षक ऐसे हैं,

चंबा  – चंबा के कोट व घुडपनी निवासियों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर गांव के लिए घोड़ा मार्ग निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध करवाने की गुहार लगाई है। उक्त गांववासियों का कहना है कि सड़क मार्ग से करबी एक से दो किलोमीटर पैदल मार्ग की खस्ता व तंग हालात की वजह से गांव तक घोड़ा

चंबा – तीसा उपमंडल में मिनी हाइडल पावर प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य से नेरा में ग्रामीणों की जमीनें बुरी तरह धंसकर रह गई हैं। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद प्रोजेक्ट प्रबंधन गलती स्वीकारने को तैयार नही हैं। हालात यह है कि प्रोजेक्ट प्रबंधन राजस्व विभाग की निशानदेही को मानने से भी इनकार कर रहा है।

चंबा  – नए बस स्टैंड से चलने वाली शटल बसें मार्ग में रुकने की बजाए सीधे बस स्टैंड-बस-स्टैंड ही सेवाएं दे रही हैं, जिससे भरमौर चौक पुराने बस स्टैंड के लिए बस के इंतजार में बैठकी सवारियों का प्रचंड धूप में भी पैदल चलकर बाजार की ओर निकलना पड़ रहा है। नए व पुराने बस