लाइफ

सीखने-पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। ‘जब जागो, तभी सबेरा’, जी हां, इस कहावत को सही कर दिखाया है महाराष्ट्र की कुछ दादी-अम्माओं ने। शिक्षा पाने में भला उम्र कैसे आड़े आ सकती है। इस बात को मुंबई के उपनगरीय इलाके थाणे के फंगाने गांव का ‘आजीबाईची शाला’ स्कूल बल देता है। यह स्कूल मोतीराम

दुनिया को अगर ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के जानलेवा खतरों से बचाना है तो इनसानों के पास केवल तीन साल बचे हैं। एक पत्रिका में छपे लेख में वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने यह चेतावनी दी है। उनका कहना है कि ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में सार्थक कमी लाने की शुरुआत करने के लिए दुनिया

उत्तराखंड की यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) के छात्रों ने भारत का नाम रोशन किया है। भारतीय छात्रों की एक टीम ने इस साल टेक्सास, यूएस में आयोजित ग्लोबल एयरोस्पेस कंपीटिशन में पहली पोजीशन हासिल की है। भारत की ओर से 2013 से ही एक टीम कैनसैट प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही है,

बिना पानी मछली के जीने की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। हम अगर कभी किसी जगह पर फंस जाते हैं तो अपने को निकालने की पूरी कोशिश करते हैं। जब बात जान से हाथ धोने की हो तब तो हम जी जान लगा देते हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसा ही वीडियो

अगर आपको इंजेक्शन से डर लगता है तो आपके लिए राहत भरी खबर है। वैज्ञानिकों ने एक नया स्किन पैच तैयार किया है, जिसकी मदद से शरीर में इन्फ्लुएंजा का टीका लगाने के लिए दर्द देने वाले इंजेक्शन से छुटकारा मिल जाएगा। इस स्किन पैच में छोटी सुइयां होंगी। इसकी बड़ी खासियत यह है कि

भारत में ऐसी कई जगह हैं, जो आपको किसी अजूबे से कम नहीं लगेंगी। यदि आप भारत में घूमने निकले तो हर राज्य में आपको ऐसी चीजें देखने को मिलेंगी, जो आपने पहले कभी नहीं देखी होंगी। इसी तरह कोलकाता में दुनिया को सबसे बड़ा बरगद का पेड़ है। यह विकाशकाय बरगद का एक पेड़

भविष्य की तकनीकें चौंकाने वाले परिणाम देने वाली हैं। उन्हीं में से एक है स्मार्ट डेस्क। आफिस में अगर आप काम करते-करते थक गए हैं तो यह डेस्क आपसे ब्रेक लेने को कहेगी। यह आपकी आदतों और बैठने के तरीके को पहचानेगी और अगर आप ढंग से नहीं बैठे तो आपको टोकेगी भी। रोजाना आफिस

हमेशा यह सुनने में आता है कि देश के साथ ही विदेशों में भी लगातार अपराधों में वृद्धि हो रही है। अपराधों के लिए हमेशा से किसी व्यक्ति की मानसिकता को ही जिम्मेदार बताया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी फल की वजह से अपराध बढ़ रहे हैं। जी हां, न्यूजीलैंड

नई दिल्ली – वत्सल कटारिया ने जिन जगहों को अपने सपने में देखा, उन्हें हू-ब-हू वैसा है सच में बना दिया। उनकी कलाकारी देखने लायक है। वत्सल एक कांसेप्चुअल फोटोग्राफर हैं। कैमरे के लेंस से दुनिया को देखने का उनका नजरिया ही अलग है। इन मिनिएचर कलाकृतियों को बनाने में उन्हें दो महीने का समय