भरत झुनझुनवाला

यदि हमको आने वाले समय में अपने युवाओं को स्मार्ट फोन आधारित शिक्षा देनी है तो हमको अपनी सरकारी शिक्षा का स्वरूप बदलना होगा। उपाय यह है कि हम हर कालेज और यूनिवर्सिटी के बजट में हर वर्ष 25 प्रतिशत की कटौती कर दें। उन्हें कहें कि वह इस रकम को सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्सों से अर्जित करें जिससे कि कालेजों के लिए जरूरी हो जाए कि वे अच्छी शिक्षा दें, जिससे कि वे बच्चों को कालेज में ऊंची फीस देकर दाखिला लेने के लिए आकर्षित कर सकें। ऐसा करने से हमारी शिक्षा व्यवस्था का स्वरूप बदलेगा....

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक यदि किसी स्थान पर संक्रमण पाया गया तो उस स्थान पर जितने कर्मी हैं, उन्हें क्वारंटाइन किया जा सकता है तथा शेष अर्थव्यवस्था चलती रह सकती है। इस व्यवस्था को लागू करने में हमको स्वास्थ्य निरीक्षकों को नियुक्त करना होगा जो कि सुनिश्चित करें कि हर संस्थान के लोग अपनी चारदीवारी

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक ध्यान देने की बात है कि यह सुचक्र मांग से शुरू होता है। यदि बाजार में मांग होती है तो उद्यमी किसी न किसी तरीके से उत्पादन बढ़ा ही लेता है, जैसे वह अपने क्रेता से एडवांस ले लेता है अथवा परिजनों से ऋण ले लेता है। यही सुचक्र मांग के

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक अतः प्रश्न यह है कि आर्थिक पैकेज का बोझ उन विशेष वर्ग पर डाला जाना चाहिए जो ऊर्जा सघन माल का उपयोग करते हैं अथवा सामान्य नागरिक पर? मेरा मानना है कि इसकी वसूली ऊर्जा सघन माल का उपयोग करने वाले से ही की जानी चाहिए। ऐसा करने का दूसरा लाभ

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक उत्तम तो यह होगा कि पेट्रोल पर वर्तमान में 25 रुपए प्रति लीटर का जो टैक्स केंद्र सरकार द्वारा वसूल किया जा रहा है, उसे बढ़ाकर सीधे 100 रुपए कर दें और इस रास्ते लगभग 10 लाख करोड़ रुपए की वार्षिक आय हो सकती है, जिसका उपयोग हम अपनी अर्थव्यवस्था को

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक इसी प्रकार सरकार यदि बिजली पर लगाई गई एक्साइज ड्यूटी की भी वृद्धि कर दे तो बिजली की खपत कम होगी। हम देश के पर्यावरण को भी बचाएंगे क्योंकि ऊर्जा को बनाने में हम कार्बन का उत्सर्जन बहुत कर रहे हैं और अपनी नदियों को नष्ट कर रहे हैं। जो लोग

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक अधिकारी-कर्मियों की कार्यकुशलता का बाहरी स्वतंत्र कंसल्टेंट से गुप्त आकलन कराया जाए। जासूसों द्वारा अलग आकलन कराया जाए और जनता द्वारा गुप्त आकलन विभिन्न तरीकों से कराया जाए। इस प्रकार के आकलनों से सरकार उन अध्यापकों, प्रधानाचार्यों एवं डाक्टरों को संस्थागत तरीके से चिन्हित कर सकेगी जो कि वास्तव में कार्यकुशल

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक अर्थव्यवस्था में बड़े और छोटे का एक निर्धारित अनुपात होता है जैसे भोजन में घी और रोटी का उचित अनुपात होता है। यदि केवल घी परोस दिया जाए और साथ में रोटी न परोसी जाए तो भोजन अपाच्य हो जाता है। इसी प्रकार यदि केवल बड़े व्यापारियों को मदद की जाए

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक चीन में भारी मात्रा में माल का निर्यात किया जाता है, आयात कम किए जाते हैं। निर्यातों से अर्जित अतिरिक्त रकम को चीन अमरीका आदि विकसित देशों को ऋण देने के लिए उपयोग करता है। इस प्रकार अमरीका चीन पर दो तरह से परावलंबित रह जाता है। पहला यह कि अमरीका